सुरेन्द्र सागर,प्रमंडलीय ब्यूरो
बिहार की चार लोकसभा सीटों पर लोकसभा के चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद अब 36 लोकसभा सीटों के चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। भाजपा जदयू लोजपा,हम और रालोमो की संयुक्त ताकत से राज्य की 40 की 40 सीटें जितने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रही एनडीए के सामने राजद,कांग्रेस,वीआईपी और वामदलों के गठजोड़ से बनी इंडी एलायंस बौनी नजर आने लगी है।पीएम मोदी के दस सालों के कार्यकाल के बड़े आंकड़े उपलब्धियों से भरे हैं जिसकी चर्चा एनडीए के बड़े नेता चुनाव प्रचार में कर रहे हैं।उधर राजद के नेता तेजस्वी यादव के पास उपलब्धियों के नाम पर झूठा आंकड़ा है। उप मुख्यमंत्री रहते जिस विभाग में लाखों लोगों को नौकरी देने का तेजस्वी दम्भ भर रहे हैं उनसे जनता भी अब सवाल पूछ रही है।सवाल भी कोई घुमा फिरा कर नही बल्कि सीधा सवाल की अगर आपने शिक्षा विभाग में शिक्षकों को नौकरी दी तो आपके शिक्षा मंत्री मंत्रालय छोड़ कर क्यों भाग गए थे।उप मुख्यमंत्री कोई सांवैधानिक पद भी होता है क्या जो बिना मुख्यमंत्री के चाहे किसी को नौकरी दे दे। रोजगार और नौकरी के झूठे प्रचार से एनडीए की चल रही सुनामी को तेजस्वी यादव रोकने में कभी कामयाब नही होंगे,ये बात वे स्वयं भी जानते हैं।इसीलिए अब वे माहौल को खराब कर बिहार को उन्माद की आग में झोंकने में जुट गए हैं।
बिहार के शिवहर संसदीय क्षेत्र में तेजस्वी यादव ने एक ऐसी महिला को राजद से टिकट दिया है जिसके पास सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के अलावे कोई अनुभव ही नही है। अपने आपको कभी आईएएस की पत्नी तो कभी यूपीएससी की पत्नी कहकर सांसद बनने का सपना देखने वाली राजद की उम्मीदवार ऋतु जायसवाल को शिवहर भ्रमण के बाद बहुत अच्छी तरह पता चल गया है कि एनडीए प्रत्याशी श्रीमती लवली आनन्द के सामने उनकी क्या हैसियत है। एनडीए की उम्मीदवार श्रीमती लवली आनन्द किसी पंचायत की मुखिया नही हैं बल्कि दो दो बार की विधायक,वैशाली की सांसद और बिहार व देश की सर्वाधिक लोकप्रिय नेत्री हैं। श्रीमती लवली आनन्द ने आज नही बल्कि दशकों पहले देश की राष्ट्रपत्ति श्रीमती प्रतिभा पाटिल के साथ विदेश में सांसद रहते संसद सदस्यों की तरफ से भारत का प्रतिनिधित्व किया हैं। ऋतु जायसवाल को अभी एनडीए उम्मीदवार से अपना आकलन करने के पहले श्रीमती लवली आनन्द की ताकत,समर्थकों का सैलाब, लोकप्रियता,राष्ट्रीय स्तर पर पहचान,प्रखर वक्ता,वृहद सोंच, सांसद और विधायक के तौर पर विकास का अनुभव और एक योग्य एवं संघर्षशील नेत्री के रूप में जनता से जुड़ाव पर रिसर्च करना चाहिए।उनकी हैसियत का अंदाजा लग जायेगा।
शिवहर में अपनी कोई पहचान नही होने के बावजूद राजद कार्यकर्ताओ से उन्मादी नारे लगवा कर एक बार फिर जंगलराज लाने के प्रयास में लगी राजद उम्मीदवार को शिवहर में जोरदार झटका लगने जा रहा है।
शिवहर ही वह संसदीय क्षेत्र है जहां से एनडीए उम्मीदवार श्रीमती लवली आनन्द के पति आनन्द मोहन ने दो दो बार रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की और यहां से सांसद बने।पूर्व सांसद आनन्द मोहन की लोकप्रियता न सिर्फ शिवहर,बिहार बल्कि पूरे देश मे है।अनुशासन और राष्ट्र प्रेम का उदाहरण उनके समर्थकों ने ही पेश किया है।आनन्द मोहन एवं लवली आनन्द के विरुद्ध भाषण देकर और नारे लगवा कर अब कोई जंगलराज की पुनर्वापसी नही करा सकता है।शिवहर के मतदाता राजद प्रत्याशी की हैसियत और मंशा दोनों समझ रहे हैं और तय है कि एनडीए प्रत्याशी श्रीमती लवली आनन्द के पक्ष में रिकॉर्डतोड़ मतदान होगा और शिवहर जीत का रिकॉर्ड स्थापित करेगा।
फिलहाल राजद प्रत्याशी की स्थिति यही है कि अधजल गगरी छलकत जाए।ऋतु जायसवाल को मुखिया से सांसद बनने का सपना तेजस्वी यादव भले ही दिखा जाएं लेकिन शिवहर की जनता हकीकत की तस्वीर दिखाने को तैयार है और जनता कह रही है कि जो राम को लाये हैं उन्हें हम जिताएंगे।
एनडीए की आंधी में जंगलराज के पुनर्वापसी का सपना उड़ जाएगा।शिवहर में तीर तकदीर बदलने को बेताब है और चार जून को पूरा शिवहर आनन्दमय ही आनन्दमय दिखेगा।इसमें कहीं कोई संशय नही है।