चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बनाने वाले आरके श्रीवास्तव की मुलाकात के क्या हैं मायने

देश

शाहाबाद की भूमि हमेशा से ओजस्वी और प्रगतिशील रही है। यहां की मिट्टी ने दुनिया को कई संदेश दिए, हर बार अपनी कोशिश और ईमानदार मेहनत के बूते बड़ा परिवर्तन भी किया है। आज हम बात कर रहे हैं इस धरती से जुड़े प्रशांत किशोर और गणितज्ञ आरके श्रीवास्तव की।

शाहाबाद की धरती से एक प्रतिभा निकला और जिसने अपने ज्ञान और कौशल के बल पर अपनी ग्लोबल पहचान बनाया, उसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व प्रशांत किशोर जी से शिष्टाचार मीटिंग हुआ ,काफी देर बैठकर शिष्टाचार बातचीत हुआ। प्रशांत किशोर जी मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के सासाराम के रहने वाले हैं।

कौन है प्रशांत किशोर:

प्रशांत किशोर फिलहाल देश में ऐसे शख्स हैं जो सबसे ज्यादा चर्चित रहते हैं. अब तक वो चुनाव लड़ते तो नहीं थे लेकिन लड़वाते खूब थे. उन्हें देश में चुनावी रणनीति और अभियान को नए दौर में पहुंचाने वाला शख्स माना जाता है. कुछ लोग उन्हें चुनावी चाणक्य मानते हैं।

कौन है आरके श्रीवास्तव:

RK Shrivastava: बिहार का एक ऐसा शिक्षक जिसके शैक्षणिक आंगन से ₹1 में पढ़कर बनते हैं इंजीनियर:

बिहार का एक ऐसा शिक्षक जिसके शैक्षणिक आंगन से ₹1 में पढ़कर बनते हैं इंजीनियर, हम बात कर रहे हैं बिहार के मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव के बारे में,

बिहार में एक कहावत है कि इंसानियत की मिसाल बनो तो मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव जैसा,

हमेशा समाजहित में कार्य करने वाला एक व्यक्तित्व उभरा और देश ने उसे सहज स्वीकार किया। जिस तरह इतिहास घटता है, रचा नहीं जाता, उसी तरह शिक्षक प्रकृति प्रदत्त प्रसाद होता है, वह बनाया नहीं जाता बल्कि पैदा होता है। प्रकृति की ऐसी ही एक रचना का नाम है रजनीकांत श्रीवास्तव उर्फ आरके श्रीवास्तव।

बिहार देश भर में अनूठे एकेडमिक्स के लिए आज भी चर्चित है। आरके श्रीवास्तव के पढ़ाने के तरीके ने ऐसी लकीर खींच दी है कि पूरी दुनिया उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए सलाम करती है। हां जिनके बारे में शायद ही कोई होगा जिन्हें जानकारी नहीं होगा। सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा प्रोग्राम के तहत सैकड़ों निर्धन स्टूडेंट्स को ₹1 में पढ़ाकर इंजीनियर बना चुके आर के श्रीवास्तव का नाम वर्तमान के विश्व के चर्चित शिक्षकों में शुमार है। जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का सूत्रपात किया है। देश विदेश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और अखबारों में इनके शैक्षणिक कार्यशैली की चर्चा होते रहता है।

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