दिल्लीः सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की राष्ट्रीय एससी-एसटी हब योजना (एनएसएसएच) तथा अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में 28 सितंबर 2022 को एक राष्ट्रीय एससी-एसटी हब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और सांसद डॉ. किरीट प्रेमजी भाई सोलंकी ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। उनके साथ ही इस संगोष्ठी में 300 से ज्यादा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गौरांग दीक्षित ने इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इसके पश्चात मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मार्सी ईपाओ ने मुख्य भाषण दिया। इस संगोष्ठी के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मौजूदा एवं नए उद्योमियों को जीईएम, आरएसईटीआई, टीआरआईएफईडी आदि जैसे प्रमुख सीपीएसई संस्थानों के साथ बातचीत का मंच प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर अपने भाषण में डॉक्टर सोलंकी ने कहा कि गुजरात राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के और अधिक उद्यमियों को एनएसएसएच योजना के तहत लाभ उठाने चाहिए। श्रोताओं में मौजूद बैंकरों से भी उन्होंने अपील की कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण सहायता सुनिश्चित करें ताकि उन्हें अपने व्यवसाय की क्षमता को बढ़ाने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘नौकरी चाहने वाले की जगह नौकरी प्रदान करने वाले बनने’ की परिकल्पना पर जोर देते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान देने की अपील की।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ताप बिजली निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और भारतीय तेल निगम (आईओसीएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों ने भाग लिया और विक्रेताओं का पैनल तैयार करने की प्रक्रिया तथा विक्रय की जाने वाली सेवाओं/ उत्पादों की सूची के संबंध में प्रस्तुति दी। इस संगोष्ठी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यस बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों ने भी भाग लिया। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों के लिए अपनी विभिन्न ऋण योजनाओं का विवरण साझा किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले तथा एमएसएमई की सहायता के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रस्तुति देने वाले अन्य सरकारी संगठनों में जीईएम, केवीआईसी, आरएसईटीआई, जिला उदयम केंद्र, एमएसएमई-डीएफओ अहमदाबाद आदि शामिल थे। इस संगोष्ठी में अनुसूचित जाति और जनजाति के एमएसई भागीदारों की सुविधा के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन और जीईएम रजिस्ट्रेशन डेस्क भी बनाए गए थे।
भारतीय अर्थव्य्वस्था के समावेशी विकास के लिए एमएसएमई मंत्रालय ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) योजना शुरू की है। इसका लक्ष्य अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी के बीच क्षमता संवर्धन और उदयमिता संस्कृति को बढ़ावा देकर सार्वजनिक खरीद में उनकी भागीदारी बढ़ाना है।
हमारी अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्य दर्जे के उद्योगों के महत्व के मद्देनजर यह जरूरी है कि देश के युवाओं के बीच उद्यमिता का विकास करने की दिशा में केन्दित प्रयास किए जाएं और ऐसा महौल बनाया जाए कि वे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को वास्तविक रूप देने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकें।
देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देना जरूरी है। सरकार लगाकार सतत विकास के लिए एमएसएमई के सशक्तिकरण और उन्हें वैश्विक मूल्य श्रृंखला में प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। इस राज्य स्तरीय संगोष्ठी में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारें में जानकारी प्राप्त कर एससीएसटी-एमएसएमई को अपने क्षितिज का विस्तार करने में मदद मिलेगी।