संकल्प पर्व के रूप में मनाया गया समापन समारोह, वैश्विक बक्सर बनाने का लिया संकल्प : अश्विनी चौबे

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बक्सर: श्री राम कर्म भूमि न्यास के तत्वावधान और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संयोजन एवं पूज्य जीयर स्वामी जी के सानिध्य व मार्गदर्शन तथा स्वमी रामभद्राचार्य जी के संरक्षण में आयोजित सनातन संस्कृति समागम का समापन समारोह संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान बिहार के महामहिम राज्यपाल भागू चौहान मुख्य अतिथी के रूप में उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने कहा कि यह यज्ञ बक्सरवासियों का है। सब मिलकर साथ चले, सबका एक ही स्वर हो- “मुझमे राम”
2013 के केदारनाथ त्रासदी में मैं और मेरी तीन पीढियां समाप्त हो जाती। मैंने बाबा से प्रार्थना की बाबा मुझे ले चलो लेकिन मेरे परिवार को रहने दो मेरा खानदान चला जाएगा तो मेरे खानदान से आपको जल कौन चढ़ाएगा (यह कहते हुए मंत्री जी भावुक हो गए)।
भगवान ने मुझे पुनर्जीवन दिया। मैं पैरोल पर आया हूँ। कुछ काम अधूरे काम पूरा करने। मेरी प्रार्थना है की मेरी एक-एक सांस लोगों की सेवा में बीते।यह सनातन संस्कृति समागम बाबा का और सभी संतो का आशीर्वाद है जिसमे देश-विदेश के प्रतिनिधि और साधु-संतो का हमे आशीर्वाद प्राप्त हुआ। हम लोग जनता के लिए है ऊपर तो स्वयं भगवान बैठें हैं।
मैं आप सभी सन्तों और बक्सरवासियों के आशीर्वाद से गौरवान्वित हूं, अभिभूत हूं। मैं आप लोगों का प्यार जीवन भर नही भुला सकता। मेरे खून की एक-एक बून्द आपके लिए समर्पित होगा।
भगवान राम के कर्मभूमि और शिक्षास्थली बक्सर में श्री राम की पराक्रमी प्रतिमा के साथ अवश्य ही एक सांस्कृतिक केंद्र और महामुनि विश्वामित्र के नाम पर वैदिक ज्योतिर्विज्ञान विश्वविद्यालय और गौशाला की स्थापित होगी। यह समागम प्रकृति और संस्कृति का संगम है। हमने गंगा तट पर एक करोड़ वृक्ष लगाने का संकल्प लिया है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि आप सभी शुभवसर पर स्मृति के रूप में एक पेड़ अवश्य लगाएं। एक पेड़ 10 पुत्रों के समान होता है।

महामहिम राज्यपाल ने कहा:
मैं सभी संतों एवं बक्सर की पवित्र भूमि को प्रणाम करता हूँ। भगवान राम ने आदर्श के रूप में जो सुशासन स्थापित किया उसे हम राम राज्य कहते हैं। राजा राम के राज्य में कोई भी भूखा नही रहता। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के द्वारा स्थापित राज्य की हमारी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राम द्वारा स्थापित नीतियां सभी कालों में प्रासंगिक हैं। मानवता और संस्कृति के कल्याण, राष्ट्र के निर्माण के लिए सदा प्रयत्नशील संतो का सानिध्य और सरंक्षण आवश्यक है। भगवान राम के जीवन में ऐसे कई तत्व हैं जिनसे मानव अस्तित्व और समाज के संकट का समाधान सम्भव है।

मंच पर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी, जगद्गुरु अनंताचार्य जी, पूज्य जीयर स्वामी जी, पूर्व सभापति बिहार विधानपरिषद अवधेश नारायण सिंह, उत्तराखंड विधायक राजेश शुक्ला, विधायक संजय तिवारी , विधायक विश्वनाथ राम, न्यासी अरुण मिश्रा, रामबालक सिंह एवं राघव प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

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