जमशेदपुर में हुआ सारेगामा हम भोजपुरी खेसारी नाईट का भव्य आयोजन, झूम कर नाचे खेसारीलाल यादव, की जमकर मस्ती

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भोजपुरी की उन्नति के लिए हर शहर में होगा सारेगामा खेसारी नाईट का आयोजन : बद्रीनाथ झा
भोजपुरी भाषा, फिल्म और गानों के विकास के लिए शुरू हुआ सारेगामा हम भोजपुरी खेसारी नाईट  का कारवां आज जमशेदपुर (झारखंड) पहुंचा, जहां भोजपुरी अभिनेता और ट्रेंडिंग मशीन के नाम से मशहूर खेसारीलाल यादव ने दर्शकों को अपने  गानों पर झूमने को मजबूर कर दिया। सारेगामा हम भोजपुरी खेसारी नाईट  में खेसारीलाल यादव भी झूमकर नाचे और वहाँ मौजूद अपने फैंस को भी खूब नचाया। इससे पहले यहाँ उन्होंने अपना आज रिलीज हुआ गाना “मुरब्बा” का भी प्रमोशन किया और कहा कि दर्शकों के प्यार और आशीर्वाद ने हमें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। उम्मीद है हमारे नए गाने को भी खूब सफल बनाएंगे।

मौके पर खेसारीलाल यादव ने सारेगामा हम भोजपुरी खेसारी नाईट  की भी सराहना की और झारखंड के शहर जमशेदपुर को लेकर कहा कि जमशेदपुर जितना खूबसूरत जगह है, उतने ही प्यारे लोग हैं यहाँ। अगर देखा जाए तो फिल्मों के शूटिंग के लिहाज से यह जगह परफेक्ट है और यहाँ के प्राकृतिक छटा इस जगह को फिल्म सिटी जैसा एहसास कराता है। यहाँ जल, जंगल, जमीन, नाले, सड़क, खूबसूरत आसमान, वर्ल्ड क्लास सुविधाएं जैसी हर वो चीज है, जो फिल्म सिटी में होनी चाहिए। बस जरूरत है कि यहाँ सरकार से फिल्म मेकिंग के लिए थोड़ी मदद मिल जाए, फिर इस शहर से भी अच्छी फिल्में बनकर निकलेंगी और दुनिया में इस लोकेशन को देखा जाएगा। इसके साथ ही यह स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों के साथ अन्य लोगों के लिए रोजगार का भी सृजन करेगा। यहाँ की आवोहवा हम फ़िल्मकारों को खूब लुभाती है।

वहीं, मशहूर म्यूजिक कंपनी सारेगामा हम भोजपुरी के बिजनेस हेड ने बताया कि सारेगामा हम भोजपुरी खेसारी नाईट  की परिकल्पना भोजपुरी भाषा, भोजपुरी फिल्में और भोजपुरी गानों के विकास से जुड़ी हुई है। इस नाईट का जमशेदपुर में  आयोजन के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य भोजपुरी भाषा, गानों और फिल्मों को आगे बढ़ना व पूरे देश में फिल्मो के प्रति जागरूकता लाने का है। बस थोड़ी मदद यहाँ सरकार से चाहिए। इसका आयोजन हर शहर में होगा।  उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि पबों में, डिस्को  में, हिंदी और पंजाबी के साथ दूसरे गाने बजते हैं और लोग उस पर थिरकते नजर आते हैं। जबकि हमारी भोजपुरी आज दुनिया भर में सबसे अधिक सुनी जाती है। लेकिन फिर भी हम पीछे हैं, क्योंकि  हम अपनी भाषा को सही जगहों पर प्रमोट नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए हमने इसकी शुरुआत की है।

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