रांचीः भारतीय खाद्य निगम झारखंड में मौजूदा खाद्य भंडारण क्षमता का विस्तार कर रहा है । इसके लिए राज्य में तीन नए खाद्य भंडारण डिपो बनकर शीघ्र तैयार हो जाएंगे ।
निगम के झारखंड स्थित महाप्रबंधक (क्षेत्र) मनोज कुमार ने आज यहां बताया कि राज्य में वर्तमान में कुल 3 लाख 80 हजार मेट्रिक टन खाद्यान्न भंडारण की क्षमता है जिसे बढ़ाकर 4 लाख 10 हजार मेट्रिक टन किया जा रहा है । इसके लिए चतरा जिले के इटखोरी , गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट और दुमका में दस-दस हजार मेट्रिक टन की क्षमता के खाद्य भंडारण डिपो का निर्माण कराया जा रहा है । उन्होंने बताया कि पोड़ैयाहाट में निर्माणाधीन खाद्य भंडारण डिपो इसी साल नवंबर माह तक बन कर तैयार हो जाएगा जबकि इटखोरी में इस डिपो के दिसंबर माह तक बन जाने की संभावना है । इसी प्रकार दुमका में मई 2024 तक खाद्य भंडारण डिपो का निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा ।
श्री कुमार ने बताया कि प्रत्येक खाद्य भंडारण डिपो के निर्माण पर 17 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आ रही है ।उन्होंने बताया कि इन तीनों खाद्य भंडारण डिपो के बन जाने से न केवल राज्य में खाद्य भंडारण क्षमता बढ़ जाएगी बल्कि राज्य के जरूरतमंद परिवारों तक अनाज सुलभ कराने में भी सुविधा होगी ।
महाप्रबंधक (क्षेत्र) ने बताया कि पूरे राज्य में प्रतिमाह जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराने के लिए 1 लाख 25 हजार मेट्रिक टन चावल और 30 हजार मेट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता होती है और कम से कम 4 माह के लिए खाद्यान्न का भंडारण होना आवश्यक माना जाता है । उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम ने कोरोनाकाल और उसके बाद भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्यान्न योजना के तहत झारखंड के जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त में चावल तथा गेहूं सुलभ कराने की दिशा में तत्परतापूर्वक सकारात्मक प्रयास किया और केंद्र सरकार के संकल्प के अनुरूप राज्य में किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया ।
श्री कुमार ने बताया कि निगम राज्य में खाद्य भंडारण क्षमता को और बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है ।