पटना/ मुंबईः महाऱाष्ट्र में मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जाएंगे। इस कार्यक्रम में जाने को लेकर सूत्रों ने बताया कि कल मुख्यमंत्री विशेष आमंत्रण पर मुंबई के लिए रवाना होंगे। हलांकि दूसरे पहलू पर गौर करें तो नीतीश को रिझाने के पीछे बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में होना है। वैसे बिना नीतीश के बिहार में किसी की सत्ता में वापसी बेमानी लगती है। महाराष्ट्र की 288 सीटों में से सत्ताधारी महायुति ने 234 सीटों पर कब्जा जमाने के बाद काफी गुत्थम गुत्थी के बाद आखिरकार भाजपा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। पार्टी ने अकेले दम पर 132 सीटों पर जीत हासिल की। यह जीत इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि महाराष्ट्र चुनाव में इससे पहले कोई भी गठबंधन 200 सीटों का जादुई आंकड़ा पार नहीं कर पाया था। महायुति की इस जीत के साथ ही बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी खेमे में जश्न का माहौल है।
महाराष्ट्र में महायुति सरकार का कल शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। महाराष्ट्र में शुरुआत में सिर्फ मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस बरकरार है। इसे लेकर महायुति में बैठकें हो रही हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की रेस में देवेंद्र फडणवीस आगे चल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे ब्राह्मण फडणवीस तीसरी बार इस पद पर आसीन होंगे। भाजपा नेता लगातार मांग कर रहे हैं कि फडणवीस को ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए। लेकिन दूसरी तरफ इसके और भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। एकनाथ शिंदे का क्या रुख होगा, यह देखने वाली बात होगी। इस बीच आज एकनाथ शिंदे की भी शिवसेना विधायकों संग बैठक है। अजित पवार की एनसीपी ने भी बैठक की है। इस बैठक में अजित पवार को पार्टी का नेता चुना गया है। चुनाव में शिवसेना ने उद्धव गुट को कड़ी टक्कर देते हुए 57 सीटों पर जीत हासिल की। शिवसेना (UBT) सिर्फ 20 सीटें ही जीत पाई है। अगर थोड़ी इधर उधर राजनीति हुई तो ठाकरे को भाजपा अपने करीब लाने की पूरी कोशिश कर सकती है। पवार की पार्टी उनके भतीजे अजीत पवार के नेतृत्व वाले खेमे से भी पीछे रह गई। अजीत गुट ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की। अब आगे आगे देखिए क्या होता है। मगर नीतीश के महाराष्ट्र जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
