दिल्लीः पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत 1973 के तेल संकट के बाद से विश्व के सबसे विकट ऊर्जा संकट से निपटने में सक्षम रहा है। उन्होंने इसके लिए चार आयामी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति- ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण, अन्वेषण व उत्पादन के क्षेत्र में भारत की बढ़ती पहुंच, गैस आधारित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन व ईवी (इलेक्ट्रॉनिक वाहन) के माध्यम से ऊर्जा रूपांतरण को पूरा करने को लेकर अपना आभार व्यक्त किया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए कोलंबिया, रूस, लीबिया, गैबॉन, इक्वेटोरियल गिनी आदि जैसे नए आपूर्तिकर्ताओं को जोड़ा है। इससे भारत के कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ताओं की संख्या 2006-07 के 27 देशों से बढ़कर 2021-22 में 39 हो गई।
उन्होंने कहा, “भारत में दिसंबर 2021 और दिसंबर 2022 के बीच डीजल की कीमत केवल 3 फीसदी बढ़ी। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह 34 फीसदी, कनाडा में 36 फीसदी, स्पेन में 25 फीसदी और ब्रिटेन में 10 फीसदी बढ़ीं। मई, 2022 और नवंबर, 2021 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती, जो पेट्रोल पर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15 रुपये प्रति लीटर था, के कारण बड़े पैमाने पर इसका प्रभाव पड़ा। साथ ही कई भारतीय राज्यों ने वैट दर में महत्वपूर्ण कटौतियां भी की थीं। भारत सरकार 2025 तक भारत के अन्वेषण क्षेत्र को 5 लाख वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने का संकल्प रखती है। सरकार ‘नो गो (निषेध)’ क्षेत्र को 99 फीसदी तक कम करने में सफल रही है और 9.1 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को इससे बाहर कर रही है। हमने राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी (एनडीआर) भी स्थापित किया है और एक क्लाउड-आधारित व एआई/एमएल-संचालित राष्ट्रीय डेटा एनडीआर 2.0 के लिए योजनाएं संचालित हो रही हैं।”
भारत ने 2013-14 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 1.53 फीसदी से बढ़ाकर 2022 में 10.17 फीसदी कर दिया है और पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करने के अपने लक्ष्य को साल 2030 से घटाकर 2025-26 किया है। 1 अप्रैल, 2023 से ई20 का चरणबद्ध कार्यान्वयन शुरू होगा। सरकार देश में पांच 2जी इथेनॉल बायोरिफाइनरी- हरियाणा के पानीपत (पराली), पंजाब के बठिंडा, ओडिशा के बरगढ़ (पराली), असम के नुमालीगढ़ (बांस) और कर्नाटक के देवनगेरे में स्थापित कर रही है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने एसएटीएटी योजना के तहत संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों के लिए भी कीमत को 46 रुपये प्रति कलोग्राम से बढ़ाकर 54 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि सीबीजी उत्पादन के दौरान उत्पादित जैव खाद को यूरिया जैसे उर्वरकों के साथ शामिल किया जाए। आईओसीएल ने एक अभिनव और पेटेंट स्टेशनरी, रिचार्ज करने योग्य और हमेशा रसोई से जुड़े इनडोर सोलर कुकिंग प्रणाली विकसित की है, जो भारत और वैश्विक स्तर पर प्रतिरूप की तरह है।
भारत सरकार हर साल कम से कम 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन में 19,744 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। भारत की पेट्रोलियम रिफाइनरियों में ईंधन की अधिकांश मांग है और मंत्रालय नए उद्योग के विकास का समर्थन करने के लिए तेजी से हरित हाइड्रोजन पर काम करेगा। वहीं, ओएमसी (तेल वितरण कंपनियां) मई, 2024 तक 22,000 खुदरा दुकानों (आउटलेट) पर वैकल्पिक ईंधन स्टेशनों (ईवी चार्जिंग/सीएनजी/एलपीजी/एलएनजी/सीबीजी आदि) की स्थापना का लक्ष्य तैयार कर रही हैं।