- सोशल इंजिनियरिंग के प्रणेता नीतीश के सामने लव-कुश समीकरण ध्वस्त हो रहा है और मूकदर्शक बने हैं या फिर उनके इशारे पर ही सब हो रहा है, ये तो वो ही जानें – सुहेली मेहता
पटनाः नीतीश की जदयू अब कुंठित लोगों की जमात सुहेली मेहता ने जदयू के दामन को छोड़ दिया। प्रो. सुहेली मेहता ने एक प्रेस-वार्ता कर जनता दल यूनाईटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। प्रो. सुहेली मेहता ने जदयू पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी से जुड़कर काम करने आई थी। वर्षों तक पूरी ईमानदारी-निष्ठा से काम भी किया। उन्होंने पार्टी में प्रतिष्ठा भी दी लेकिन अफसोस ये है कि अब पार्टी में उनकी हीं नहीं चलती। पार्टी एक ऐसे गिरोह के हाथ लग गयी है, जिसमें कुंठित लोगों की जमात है। ये कुंठा से ग्रसित लोग कार्यकर्ताओं को शर्तों से समझौता करने को मजबूर करते हैं। महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली पार्टी एक महिला को गिरे हुए लोगों के सामने घुटने टेकने की शर्त पर पार्टी की राजनीति करने को कहते है। क्या यही है महिला सशक्तिकरण ? ये लोग सिर्फ महिलाओं पर राजनीति करते हैं लेकिन महिलाओं को राजनीति नहीं करने देना चाहते।
लव (नीतीश) से दूर हुई कुश (सुहेली)
महिला तो छोड़िए, नीतीश जी सोशल इंजिनियरिंग के प्रणेता कहलाते हैं और इसी के आधार पर लव और कुश के समीकरण पर पार्टी की स्थापना हुई थी। जनता दल यू के जितने लोग सुबह उठने से लेकर रात सोने या फिर सार्वजनिक मीटिंग में नितीश जी के साथ रहते हैं, उनमे से एक भी लव-कुश समीकरण के लोग हो तो आप बताएं। जो थे वो लोग तो इनकी आँखों के कंटक थे, चले गए। जो लोग इनकी आँखों के सुरमा हैं वो सुबह उठने से लेकर रात सोने तक साथ रहते हैं ।
प्रो. मेहता ने कहा कि नीतीश जी अब बदल गए हैं, जिस अपराध और अपराधियों के खिलाफ मुहिम चलाने में जनता ने बिहार की बागडोर इनके हाथ में दिया था, आज देखिये अपराधियों को न जाने किस तरह के दबाब में जेल से निकालने के लिए इन्होनें जेल के नियम तक को बदल डाला। अब तो महिलायें, जो एनडीए की सरकार में अपराधियों के खौफ से दूर थीं, इनके इस कदम से काफी चिंतित और आशंकित हैं।