शरद पूर्णिमा के दिन वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण, चंद्रमा समस्त 16 कलाओं से रहता है परिपूर्ण

धर्म ज्योतिष

चंद्र – ग्रहणः28 अक्टूबर 2023 (शनिवार)

आचार्य मोहित पाण्डेय, लखनऊ

शनिवार, शरद पूर्णिमा के दिन वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है, ऐसे में इस बार का चंद्र ग्रहण अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस बार चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण का प्रभाव समस्त राशियों पर दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण का समय
चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार को रात्रि के 1 बजकर 4 मिनट से लेकर 2 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 22 मिनट का रहने वाला है। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा।

चंद्र ग्रहण का सूतक काल
चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 4 मिनट पर शुरू हो जाएगा।

कहां- कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
इस बार का चंद्रग्रहण भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कैनेडा, ब्राजील , एटलांटिक महासागर में दिखाई देने वाला है। भारत में यह ग्रहण शुरू से अंत तक दिखाई देगा।

सूतक काल में न करें ये काम

चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 4 मिनट पर शुरू हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का कोई भी मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप गुरु मंत्र, भगवान का नाम जप, श्री हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।

चंद्र ग्रहण सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध एवं रोगी जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा।

चंद्र ग्रहण के बाद स्नान एवं दान का महत्व
चंद्र ग्रहण से मुक्त होने के बाद स्नान, दान, पुण्य, पूजा इत्यादि का अति महत्व है। अतः 29 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- अर्चना, दान पुण्य आदि करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।

  • आचार्य मोहित पाण्डेय, लखनऊ
    ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्य दर्शन
    सम्पर्क – 07905669984

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