18 वर्षों में नीतीश सरकार ने पुल-पुलियों का बिहार में बिछाया जाल,आवागमन हुआ सुलभ

आलेख

-मुरली मनोहर श्रीवास्तव

  • बिहार में 18 वर्षों में नदियों पर पुल-पुलियो का बिछाया गया जाल
  • 1950 से लेकर 2005 तक बिहार की प्रमुख नदियों पर मात्र 16 पुल हुआ करते थे
  • वर्ष 2005 से 2023- 24 के बीच इन्हीं 6 नदियों पर 27 पुल बनाए गए
  • गंगा नदी पर आजादी से 2005 तक मात्र 10 लेन के सिर्फ चार पुल बनाए गए थे
  • 18 साल में छः लेन के 4 पुल बनकर हुआ है तैयार
  • तीन लेन के सात पुलों पर काम चल रहा है, जबकि 16 लेन के चार पुल हैं प्रस्तावित

बिहार है जिसने कई मुश्किलों के दौर को भी बहुत करीब से देखा है। आने जाने के नाम पर भले ही पूरी दुनिया के लिए जीटी रोड एक उदाहरण दे रही हो मगर इस बिहार में सड़कों की बदहाली जो पहले थी उससे सभी वाकिफ हैं और आज जो गांव, टोले, शहरों की सड़कें हैं वो बिहार के विकास की गौरवगाथा को बयां कर रही हैं। बिहार की सड़कें अब सरपट भागती नजर आती हैं। नीतीश सरकार के पिछले 18 वर्षों के कार्यकाल में राज्य में पथ और पुल-पुलियों के निर्माण में जितने कार्य हुए आजादी के 76 वर्षों में नहीं हुए थे उसके विकास की बानगी अब देखने को मिल रही है। आईये देखते हैं एक रिपोर्ट और समझते हैं कि आखिर कितना हुआ है विकास।
सड़क मार्ग को सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार ने सबसे पहले इनमें आने वाली पुल-पुलिया के बाधा को दूर करते हुए पुल-पुलियों का बड़े पैमाने पर निर्माण कराया। आपको बता दूं कि वर्ष 1990 से 2004 तक जितनी सड़कें व पुलों का निर्माण हुआ, उससे कई गुना अधिक नीतीश सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ। आजादी के बाद 1950 से लेकर 2005 तक बिहार की प्रमुख नदियों पर मात्र 16 पुल हुआ करते थे, वहीं वर्ष 2005 से 2023- 24 के बीच इन्हीं 6 नदियों पर 27 पुल बनाकर आवागमन को सुलभ बनाया गया। इतना ही नहीं इन नदियों पर अभी 14 अन्य पुलों का निर्माण कार्य जारी है। जबकि 8 पुल प्रस्तावित है।

                         शेरपुर से दिघवारा, दीदारगंज से बिदुपुर तक तथा जेपी सेतु के समानांतर गंगा पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है। इसका मतलब ये है कि छह नदियों पर 46 पुल- पुलियां तैयार हो जाएंगे। गंगा नदी पर आजादी से 2005 तक मात्र 10 लेन के सिर्फ चार पुल बनाए गए थे, 18 साल में छः लेन के चार पुल बनाकर जनता को समर्पित कर दिया गया है। तीन लेन के सात पुलों पर काम चल रहा है। 16 लेन के चार पुल प्रस्तावित हैं। स्पष्ट है 2005 से 2023-24 तक गंगा नदी पर 52 लेन का पुल शीघ्र ही जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। बिहार में सड़क 2005 तक 1705 किमी थी। अब तक के 5654 किमी लेन बनाकर जनता को समर्पित कर दिया है। जो डबल लेन है, 2005 तक 107 किमी था जबकि अभी 4429 किमी बनाकर जनता को दे दिया है।
                             राज्य के पांच उग्रवाद प्रभावित जिलों में तीन साल के अंदर राज्य सरकार और भारत सरकार ने मिलकर 2,672 करोड़ रुपए आवंटित किया है, जिसमें 1630 किमी सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें 15 सड़कें होगी और 75 पुलों का निर्माण होगा। इसके अलावा राज्य के सभी शहरों में बाईपास बनाने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 31 शहरों में बाईपास बना दिया गया है। बड़े पैमाने पर फ्लाई ओवर का निर्माण भी हो रहा है और आरओबी का निर्माण भी हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनिसाबाद से एम्स तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का ग्राउंड स्तर पर मुआयना किया। एक बड़ा परिवर्तन बिहार में चचरी पुल की संस्कृति के समापन है। लगभग 5000 छोटे-बड़े पुल बनाकर लोगों के आवागमन का मार्ग सुलभ किया गया है। कहाँ से चलिये पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंच जाने का लक्ष्य निधारित किया गया है, जिस पर तेजी से काम चल रहा है। इस तरह विकास को देखकर बिहार के लोगों के अलावे बिहार तथा बिहार के बाहर अन्य प्रदेशों, देशों से आने वाले बिहार की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। बिहार का स्वरुप पूरी तरह से बदल चुका है। बिहार वर्तमान मेंं अपने अतीत के विकसित होने के इतिहास को प्रदर्शित कर रहा है। सबकी निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। जरुरत है हमें और आपको मिलकर इस विकास की धारा को और गति देने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *