9 साल में बिहार के लगभग 4 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद और आभार-विजय कुमार सिन्हा।

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एन डी ए के समय की उपलब्धि, प्रधानमंत्री की योजना औऱ विशेष पैकेज से हटकर राजद के साथ की अवधि की वतायें उपलब्धि,

बिहार सरकार द्वारा केन्द्रीय योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू करने में विफलता और प्रशासनिक अराजकता बना ज्यादा उपलब्धि में रोड़ा।

जदयू के मंत्रियों द्वारा नीति आयोग की रिपोर्ट का स्वागत,पर 2021 नवंबर में ख़राब रिपोर्ट पर मचाया था हल्ला।

राजद के शासन में रहते बिहार में विकास की बात बेईमानी।

पटना 16 जनवरी 2024

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने पिछले 9 साल में बिहार के 3 करोड़ 77 लाख लोगों को गरीबी से बाहर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया है।

श्री सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में देश के लगभग 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर किया है। यह भाजपा की नीति और नीयत का परिणाम है। गरीबी हटाओ कांग्रेस के लिए मात्र नारा बनकर रह गया। पर नरेंद्र मोदी जी ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर भारत के करोड़ों लोगों के जीवन यापन से लेकर गुणवत्ता पूर्ण रहन सहन के सपने को साकार किया।

श्री सिन्हा ने कहा कि आज नियुक्ति से लेकर बिहार के विकास की जितनी भी उपलव्धि है वह एन डी ए के कार्यकाल का है।प्रधानमंत्री द्वारा बिहार को विशेष पैकेज औऱ योजनाओं का लाभ दिया गया।वर्तमान सरकार को बताना चाहिए कि उन्होंने राजद के साथ गलबहियां कर बिहार का कितना औऱ क्या विकास किया?

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं को लागू करने में विफल रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में भ्रष्टाचार, आयुष्मान भारत योजना में कटौती, नई शिक्षा नीति के अनुपालन में भेद-भाव, केन्द्रीय योजनाओं में बिहार के अंशदान में विलंब जैसे असहयोग के कारण और ज्यादा उपलब्धि बाधित हुई हुई। प्रशासनिक अराजकता, अकर्मण्यता, लचर क़ानून व्यवस्था एवं जान-माल का सतत भय राज्य में व्याप्त है। निवेशक भी आने से डर रहे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट पर जदयू के मंत्रीगण इसे बिहार सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं। सच्चाई यह है कि इसमें इनका ख़ास योगदान नहीं है। 2021 नवंबर में इसी नीति आयोग की रिपोर्ट पर उन्होंने आयोग को जमकर कोसा था। जदयू के पूर्व मंत्री तो अपना नीति आयोग अलग से खोलने की बात कर रहे थे। जदयू का यह दोहरा चरित्र अशोभनीय और निंदनीय है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राजद के सरकार में रहने तक बिहार में विकास की बात बेईमानी है। बिहार के मुखिया भी इससे भली-भांति वाकिफ हैं। अपराध और भ्रष्टाचार के बल पर राज्य की तरक्की की बात करना हास्यास्पद है।

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