मुस्लिम यादव समीकरण और इंडी के अफवाहों से अयोध्या हार गई भाजपा: आरके सिन्हा

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डॉ. सुरेन्द्र सागर, आरा
लोकसभा चुनाव के परिणाम और केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद पहली बार आरा पहुंचे पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने स्थानीय परिसदन में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नई ऊर्जा और उत्साह के साथ अभी से जुट जाने को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश भरे।
उन्होंने सर्किट हाउस में जुटे पत्रकारों से भी मुलाकात की और यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित किया।आरा में एनडीए उम्मीदवार आरके सिंह के चुनाव हार जाने से जुड़े पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि आरा में यहां के सांसद और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बहुत काम किया बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास  की वजह से यहां पार्टी चुनाव हार गई।उन्होंने कहा कि  कार्यकर्ता और जनता यह सोचकर निश्चिंत थे  कि आरा सीट तो हम जीत ही रहे हैं।अतिउत्साह  और आत्मविश्वास के  साथ जीत के प्रति इसी निश्चिंतता से आरा में एनडीए उम्मीदवार आरके सिंह के पक्ष में  मतदान कम हुआ और उधर विपक्ष का उम्मीदवार और इंडी गठबंधन के कार्यकर्ता अंतिम दम तक वोटों को समेटने में लगे रहे।उन्होंने कहा कि चुनाव को अंतिम समय तक युद्ध के रूप में लड़ना पड़ता है और तभी जीत होती है। आरा में कार्यकर्ता इस तरह से चुनाव नही लड़ पाए और यहां पार्टी एवं एनडीए को हार का सामना करना पड़ा।उन्होंने राजस्थान के कांग्रेस नेता सीपी जोशी का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर आगे रखकर कांग्रेस वहां चुनाव लड़ रही थी। मुख्यमंत्री बनने के प्रति आत्मविश्वास से भरे  सीपी जोशी चुनाव के दिन पूरी तरह जीत के प्रति निश्चिंत थे और  चुनाव का जायजा लेते लेते गाड़ी चला रहे अपने ड्राइवर के बूथ पर पहुंचे।ड्राइवर ने कहा कि मैं भी अपना वोट देकर आ जाता हूँ लेकिन सीपी जोशी ने ड्राइवर की यह कहकर वोट देने से मना कर दिया कि नही नही तुम गाड़ी में  ही बैठो और यहां आ रहे लोगों से फीडबैक लेते रहो मैं थोड़ी देर में बूथ का जायजा लेकर आता हूँ।सीपी जोशी ने अपने उस ड्राइवर को उसके बूथ पर जाने के बावजूद  वोट नही देने दिया और मात्र एक वोट से वे चुनाव हार गए और राजस्थान का मुख्यमंत्री नही बन सके।पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आरा में भाजपा के सबसे अधिक मतदाता हैं जो गांव गांव और टोले टोले तक फैले हुए हैं बावजूद जीत के प्रति अति उत्साह और निश्चिंतता की वजह से एनडीए का वोट उतना ईवीएम में नही पहुंच सका जितना वोट जाना चाहिए था और कम मतदान की वजह से आरा में आरके सिंह की हार हो गई।
राम मंदिर के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के बावजूद अयोध्या में भाजपा के चुनाव हार जाने के सवाल पर पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि अयोध्या के लोग चुनाव हारने की वजह से बहुत दुखी हैं।वहां मुस्लिम यादव समीकरण की वजह से भाजपा चुनाव हार गई जबकि अयोध्या में  इंडिया गठबंधन के इस अफवाह का भी काफी असर रहा कि  भाजपा के ये लोग 400 पार की सीट मांग रहे हैं और जीत कर 400 पार आ गए तो संविधान बदल देंगे।ऐसे अफवाहों की वजह से अयोध्या में भाजपा की हार हुई।उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या के लोग बहुत खुश हैं।अयोध्या दुनिया के नक्शे पर आया है।यहां के व्यवसायियों की आमदनी में पहले की अपेक्षा सौ गुनी वृद्धि हुई है।अयोध्या के लोग आर्थिक उन्नति की राह पर हैं और यहां विकास और विरासत के संरक्षण का अद्भुत संगम हुआ है।
पूर्व राज्यसभा सांसद के पूर्व सांसद प्रतिनिधि  डॉ. सुरेन्द्र सागर ने बताया कि आरा पहुंचे पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा का जगह जगह भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों ने भव्य स्वागत किया।

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