पटना: पूर्व विधान पार्षद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 55 करोड़ लाभार्थियों, को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करवा रही है.
इस योजनाके तहत 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने की उपलब्धि हासिल हो चुकी है।
पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान ही 16.7 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
वर्ष 2023-24 के दौरान 7.5 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसका मतलब है कि हर मिनट लगभग 181 आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।
भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को सभी तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के इरादे से 15 नवंबर, 2023 को शुरू की गई विकासशील भारत संकल्प यात्रा के दौरान दी जाने वाली ऑन-स्पॉट सेवाओं में आयुष्मान कार्ड निर्माण भी शामिल है। इस अभियान से जमीनी स्तर पर कार्ड निर्माण में तेजी लाने में काफी मदद मिली है। इस यात्रा के दौरान 2.43 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
प्रो,.नंदन ने कहा कि मौजूदा समय में बिहार में करीब 2.92 करोड़ लोगों के पास आयुष्मान कार्ड है
सरकार इस योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कवर को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए और महिलाओं के लिए 15 लाख रुपए करने जा रही है। इसके साथ ही लाभार्थियों की संख्या को 55 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ तक करने की तैयारी सरकार कर रही है।
वर्तमान में यह योजना देश के 12.34 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ लाभार्थियों को कवर करती है। आयुष्मान कार्ड धारक को प्रति वर्ष 5 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने दिया है। बताया जाता है कि 30 जून तक देश में इस योजना के अंतर्गत 7.37 करोड़ लोगों ने इस योजना के तहत अस्पतालों में इलाज की सुविधा ली थी। प्रो.नंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत के नागरिकों को रोग मुक्त देखना चाहते हैं।
इस योजना में रजिस्टर करने वाली महिलाओं की संख्या कुल कार्डों संख्या का 49 फीसदी है। वहीं अस्पतालों में 48 फीसदी महिलाएं अपना इलाज करवा चुकी हैं। केंद्र सरकार लाभार्थियों की संख्या 100 करने और प्राइवेट अस्पतालों के बेडों की संख्या को 4 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा वक्त की बात करें तो इस योजना के अंतर्गत फिलहाल अस्पतालों में 7.22 लाख बेड हैं।
उसी प्रकार प्रो. नंदन ने कहा कि कौशल भारत मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित और कुशल बनाया गया। यह मिशन अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कौशल, पुनः कौशल और उन्नयन पर केंद्रित है. मिशन के तहत सरकार 20 से अधिक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के माध्यम से देश भर में विभिन्न कौशल विकास योजनाएं लागू हो रही है।व्यापक आर्थिक स्थिरता है और देश की अर्थव्यवस्था पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है।सरकार अधिक व्यापक जीडीपी, शासन, विकास और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
स्किल डेवलपमेंट के पाठ्यक्रमों के लिए 1.5 लाख की बजाय 7.5 लाख रुपये का लोन मिल जाएगा। सबसे अच्छी बात है कि इस लोन में 70 से 75 फीसदी लोन अमाउंट पर गारंटी की जिम्मेदारी भी सरका लेगी। इससे अब गरीब परिवार का बच्चा भी स्किल डेवलपमेंट वाले कोर्स कर सकेगा। इसके लिए सरकार ने गुरुवार को संशोधित कौशल ऋण योजना की शुरुआत की।
संशोधित कौशल लोन योजना में सरकार द्वारा 7.5 लाख रुपये तक के कर्ज की सुविधा दी जाएगी।
मॉडल कौशल ऋण योजना की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के लिए मील का पत्थर है। इसके तहत युवाओं को अत्याधुनिक कौशल के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। योजना के तहत कई पात्र पाठ्यक्रमों के लिए 7.5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। कर्ज के लिए किसी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होगा।