बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर चल रहे सियासत के बीच जातिगत जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक की तारीख का ऐलान कर दिया है, इसके साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने 1 जून को पटना के संवाद में शाम 4 बजे तमाम राजनीतिक दलों की रजामंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किये जाने का ऐलान कर दिया है। बिहार की सियासत के लिहाज से इस बैठक को बेहद महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है…पिछले कुछ दिनों से जातिगत जनगणना को लेकर बिहार की सियासत बेहद गर्म रही है। जब से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बंद कमरे में एक घंटे से ज्यादा समय तक जातिगत जनगणना के बहाने मुलाकात कर चुके हैं। इस मुलाकात के बाद बिहार के सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं गर्म हो गई थीं। जातिगत जनगणना को लेकर बुलाई गई बैठक को बेहद महत्त्वपूर्ण बताते हुए विजय चौधरी कहते हैं कि इसे लेकर बिहार विधानसभा में दो-दो बार सर्वसम्मति से फैसला हो चुका है और केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन तब बात नहीं बनी थी. इसी मांग को लेकर बिहार की तरफ से सर्वदलीय टीम ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब इस मामले में कुछ तकनीकी समस्या बताई गई थी. अब बिहार सरकार ने भी तय कर लिया है कि बिहार की सरकार अपने दम पर बिहार में जातिगत जनगणना कराएगी। तमाम राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई है और उम्मीद है कि बैठक का सकारात्मक नतीजा मिलेगा। लेकिन अब देखने वाली बात ये है कि आखिर इस जातिगत जनगणना का बिहार की सियासत पर कितना असर पड़ता है।