पटना – बिहार विधानमंडल को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- विधानसभा लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है, जहां जनहित से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श होता है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाये रखें। स्वस्थ बहस और तर्क-वितर्क लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है लेकिन यह आवश्यक है कि चर्चा मर्यादित और परिणामपरक हो। मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे अपने बहुमूल्य सुझाव और विचार सदन में रखें ताकि जनहित में ठोस निर्णय लिए जा सके। साथ ही मैं सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे सदन में अनुशासन और शिष्टाचार बनाए रखें। किसी भी मुद्दे पर असहमति को तर्कसंगत और मर्यादित भाषा में प्रस्तुत किया जाए, जिससे सदन की गरिमा बनी रहे। नई सरकार बनने के बाद से ही राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। राज्य में बड़ी संख्या में सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है। राजधानी तक सुदूर इलाकों से पहुंचने का लक्ष्य पांच घंटा कर लिया गया है। सरकार ने बिहार में महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोड़ दिया है। पंचायती राज, नगर निकायों में 50 प्रतिशत और सभी सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जा रहा है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम दी थी। अब समूहों की संख्या की 10 लाख 63 हजार हो गई है। बिहार सरकार ने शुरू से ही वंचित वर्गों के लिए काम किया। इन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है। मुस्लिम समुदाय के मदरसों को सरकारी सहायता दी जा रही है। इसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है। राज्य में धान, गेहूं और मक्का का उत्पादन दोगुना हो गया है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। राज्यपाल ने कहा कि सात निश्चय योजना के बारे में भी बात की।
