उम्र 32 वर्ष हो गया था लेकिन वो बेरोज़गार था और अपने परिवार के आवश्यक खर्चों को पूरा करना मेरे लिए बेहद कठिन हो रहा था। उसी दौरान एक समाचार पत्र में मैंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की सावधि ऋण योजना के बारे में पढ़ा और ऋण के लिए आवेदन कर दिया। मुझे रू 1,33,000 का ऋण प्राप्त हुआ जिससे मैंने डेरी फ़ार्मिंग का व्यवसाय शुरू किया। अब मैं प्रतिमाह एक अच्छी आय अर्जित कर रहा हूँ और नियमित रूप से ऋण की मासिक किश्तों का भुगतान भी कर रहा हूँ। आय से होने वाले लाभ से मैंने प्रतीक जानवर के लिए पर्याप्त जगह के साथ 1 अस्थायी शेड भी तैयार कर लिया है। अब मेरा परिवार भी गाँव में एक अच्छी सामाजिक आर्थिक स्थिति का आनंद लेते हुए 1 आरामदायक जीवन जी रहा है। एन.एस.एफ.डी.सी जैसी कल्याणकारी योजना शुरू करने के लिए मैं और मेरा परिवार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ऋणी है। जिन्होंने मेरे जैसे जाने कितने लोगों को स्वरोजगार करने का अवसर देते हुए आत्मनिर्भर बनाया है।