* रहमान की बायोग्राफी ‘द स्पिरिट ऑफ म्यूजिक’ में बताया गया है कि एक ज्योतिषी के कहने पर अपना नाम बदला
मुंबई: रुहानी संगीत से लोगों के दिलों पर राज करने वाले मशहूर संगीतकार ए. आर. रहमान अपना जन्मदिन मना रहे हैं। रहमान के संगीत की खासियत ही यही कि कानों से होते हुए सीधे रूह में उतर जाती है। ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित, देश ही नहीं दुनिया भर में अपने संगीत की वजह से खास पहचान बना चुके रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 में चेन्नई में हुआ। रहमान उन फनकारों में से एक हैं जिसकी सफलता के पीछे दर्द भरी, संघर्ष की कहानी है। संगीत के अलावा रहमान का हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म अपनाना आज भी एक चर्चा का विषय बना रहता है।
मलयाली फिल्मों के संगीतकार आर के शेखर के बेटे ए आर रहमान के पिता ने उनका नाम दिलीप कुमार रखा था, लेकिन धर्म परिवर्तन के बाद अपना नया नाम अल्लाह रक्खा रहमान रख लिया। बेहद शांत रहने वाले रहमान का बचपन मुश्किल भरा रहा। मात्र 9 साल की उम्र में पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद आर्थिक तंगी ऐसी रही कि घरवालों को वाद्य यंत्रों को भी बेचना पड़ा था।
कहते हैं कि दिलीप की छोटी बहन काफी बीमार हो गई थी, डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे। ऐसे हालात में अपनी बहन के लिए मस्जिदों में दुआएं मांगी, चमत्कार हुआ और बहन ठीक हो गई। इस घटना ने दिलीप के मन पर गहरा असर डाला और इस्लाम कबूल कर लिया, लेकिन किसी पर थोपा नहीं। हिंदुस्तान टाइम्स ब्रंच को दिए एक इंटरव्यू में रहमान ने बताया था कि ‘आप किसी पर कुछ भी थोप नहीं सकते। आप अपने बेटे और बेटी से ये नहीं कह सकते कि हिस्ट्री मत लो क्योंकि बोरिंग है और उसकी जगह इकोनॉमिक्स या साइंस पढ़ो। ये किसी की पर्सनल च्वॉइस होती है’।
वहीं रहमान की बायोग्राफी ‘द स्पिरिट ऑफ म्यूजिक’ में बताया गया है कि एक ज्योतिषी के कहने पर अपना नाम बदला। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रहमान ने बताया था कि ‘एक दिन मेरी मां मेरी बहन की कुंडली दिखाने ज्योतिषी के पास गई तो इस ज्योतिषी ने ही मुझे नाम बदलने की सलाह दी। बस दिलीप से मेरा नाम ए आर रहमान पड़ गया ,क्योंकि मेरी मां चाहती थीं कि मेरे नाम में अल्लाह रक्खा जोड़ा जाए’।