पटना, 01 अगस्त। जातीय गणना पर पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीति शोध संस्थान के निदेशक डॉ. नरेन्द्र पाठक ने कहा कि ‘‘न्यायालय का निर्णय बिहार विधान मंडल के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से व्यक्त की गई भावना का सम्मान है।’’
डॉ. पाठक ने कहा कि जातीय गणना लोकतांत्रिक शासन प्रणाली द्वारा योजनाओं के निर्माण और उनके क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होगी। अब तक 1931 की जनगणना को आधार मानकर योजनाएं बनाई जा रही थीं। लेकिन इस जातीय गणना के परिणामस्वरूप जो सामाजिक आंकड़े आयेंगे, उनसे वैज्ञानिक रूप से योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन हो पाएगा।
डॉ. पाठक ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा जातीय गणना का निर्णय दलीय न होकर सर्वदलीय भावना से ओतप्रोत है।