संकल्प यात्रा में सुपौल पहुंचे मुकेश सहनी, कहा- हम किसी भी हाल में निषाद आरक्षण लेकर रहेंगे

देश

मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद संकल्प यात्रा में उमड़ रही लोगों की भीड़ और लिया जा रहे संकल्प से संदेश साफ है कि अब हमें आरक्षण लेने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने उपस्थित लोगों में जोश भरते हुए कहा कि यह जनसैलाब एवं लोगों का पार्टी के प्रति संकल्पित..

सुपौल: बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख ‘सन ऑफ मल्लाह’ मुकेश सहनी शनिवार को ‘निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा’ के क्रम में सुपौल पहुंचे। यहां पहुंचने पर कई जगहों पर उनका भव्य स्वागत किया गया। आज की यात्रा की शुरुआत पिपरा से हुई। सहनी ने यहां एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोला।

PunjabKesari

मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद संकल्प यात्रा में उमड़ रही लोगों की भीड़ और लिया जा रहे संकल्प से संदेश साफ है कि अब हमें आरक्षण लेने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने उपस्थित लोगों में जोश भरते हुए कहा कि यह जनसैलाब एवं लोगों का पार्टी के प्रति संकल्पित होकर समर्थन देने का संदेश साफ है, कि निषाद भाइयों ने तय कर लिया है कि जो हमारी सुनेगा, उसकी हम सुनेंगे और जो हमारी नहीं सुनेगा, उसकी हम नहीं सुनेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम किसी भी हाल में निषाद आरक्षण लेकर रहेंगे।

PunjabKesari

वीआईपी के प्रमुख ने साफ लहजे में कहा कि हम नदियों में मछली मारने वाले हैं लेकिन राजनीतिक में हमारी प्राथमिकता निषादों का आरक्षण है। उन्होंने कहा कि आजादी में हमारे पूर्वजों ने कुर्बानियां दी लेकिन आज भी हमे सही तौर पर आजादी नहीं मिली। आज निषादों के पास न घर है न इलाज के लिए अस्पताल। पिपरा के बाद यह यात्रा कोरियापती होते हुए जीवच्छपुर पहुंची। सहनी ने इन सभी स्थानों पर उपस्थित हजारों लोगों के हाथ में गंगाजल देकर अपने हक और अधिकार तथा समाज की लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष करने का संकल्प दिलवाया।

PunjabKesari

पूर्व मंत्री सहनी ने कहा कि देश का संविधान एक है, एक प्रधानमंत्री है तो बिहार, यूपी और झारखंड के निषादों से धोखा क्यों। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जब निषादों को आरक्षण है, तो इन राज्यों में क्यों नहीं। सहनी ने कहा कि आज केंद्र में बैठी सरकार गलतफहमी में है कि फिर से निषादों का वोट खरीद लेंगे, लेकिन अब निषाद संकल्प लेकर तय कर लिया है जो उनकी सुनेगा वे भी उन्हीं की सुनेंगे, जो हमारी नहीं सुनेगा, उसकी हम भी नहीं सुनेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *