बिहार को बीमार, बदहाल और गरीब राज्य बनाने में बड़े भाई और छोटे भाई की अहम भूमिका,
विकास के नाम पर कार्य विभागों में भारी लूट,राज्य के खजाने को लूटकर देश के खजाने को लूटने का सपना नहीं होगा साकार,
विशेष राज्य का दर्जा की माँग बहाना, सत्ता में बने रहना ही इनका असली निशाना,
पटना, 16 नवम्बर 2023
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा की माँग पर पलटवार करते हुये कहा है कि जनादेश का अपहरण करने वाले को पहले राज्य में विधान सभा भंग कर नया जनादेश लेना चाहिए और उसके बाद ही विशेष राज्य के दर्जा की माँग करनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री के लिये विशेष राज्य का दर्जा अब एक जुमला बन गया है। ये विशेष राज्य का दर्जा माँगते है परन्तु इनका असली निशाना सत्ता में काबिज रहना है। बिहार में आजादी के पहले और बाद में डा॰ श्रीकृष्ण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। उस कालखंड में राज्य में अबसंरचनात्मक विकास हुआ। परन्तु आज स्थिति उलट है। भ्रष्टाचार के कारण राज्य का अपना खजाना खाली हो गया है। जनता की गाढ़ी कमाई को ये लुटा रहे है। सभी योजनाओं में बढ़ाचढ़ा कर प्राक्कलन बनाकर राशि निकासी कर सत्ताधारी नेता और अधिकारी लाभान्वित हो रहे है। ट्रांसफर पोस्टिंग में भारी राशि की उगाही कई बार सार्वजनिक हो गई है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार को बीमार,बदहाल औऱ गरीब बनाने में बड़े भाई छोटे भाई की अहम भूमिका है। महागठबंधन सरकार के नाम पर भी बीमारू बिहार ही उपलब्धि है। 1990 के दशक का जंगलराज फिर सिर चढ़ कर बोल रहा है। मुख्यमंत्री इसे जनता राज बता रहे है पर आज बिहार गुण्डाराज में तब्दील हो गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में सड़क, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून व्यवस्था और कानून का राज ध्वस्त हो चुका है। भवन, सिंचाई, पथ, ग्रामीण कार्य जैसे कार्य विभागों में भारी लूट मची है। राज्य सरकार अपने संसाधन को लूट के लिये खुला छोड़ दिया है। सभी विभागों में कमीशन का राज कायम कर दिया गया है। अब इससे पेट नहीं भर रहा है तो ये विशेष राज्य के जरिये और धन लूटने की योजना बना रहे हे।राज्य के खजाना लूटने बालों के केंद्र के खजाने को लूटने का सपना राज्य की जनता साकार नहीं होने देगी।
श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आराम करने की सलाह दी है और कहा है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य की चिन्ता करनी चाहिये। राज्य के लोगों ने देखा है कि किस प्रकार दलितों और महिलाओं का उन्होेंने अपमान कर बिहार को शर्मसार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपनी वाणी में संयम खो दिया है। हमेशा क्रोधित रहते है। साथ रहने वाले भी डरे रहते है कि कब किसकों बेईज्जत कर देंगे।