एफसीआई ने खाद्यान्न की गुणवत्ता के आकलन को लाया स्वचालित अनाज विश्लेषक भारतीय खाद्य निगम की अनूठी पहल

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नई दिल्ली / पटना । भारतीय खाद्य निगम ने अध्यक्ष – सह – प्रबंध निदेशक अशोक के के मीणा के मार्गदर्शन में खाद्यान्नों की गुणवत्ता के स्वचालित मूल्यांकन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्वचालित अनाज विश्लेषक (एआई एजीए) प्रस्तुत किया है। एजीए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी पर आधारित उपकरण है और इसे सरकारी एजेंसियों द्बारा खाद्यान्न खरीद के क्षेत्र में पहली बार उपयोग में लाया जा रहा है। एफसीआई ने मेसर्स नेबुला इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर यह तकनीक तैयार की है। देश के विभिन्न चावल खरीद केंद्रों पर 4०० मशीनें पहले ही लगाई जा चुकी हैं। अभी तक 1,58,731 नमूनों को स्कैन किया गया है। इसके अलावा, भारतीय खाद्य निगम ने सी-डैक, कोलकाता के सहयोग से कच्चे चावल की आयु मापने के लिए एआई आधारित कृषि-फोटोनिक्स उपकरण विकसित किया है।

यह तकनीक खरीद के साथ-साथ पीडीएस में पुराने चावल के पुनर्चक्रण को रोकने में मदद करती है। भारतीय खाद्य निगम के कार्यकारी निदेशक डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि उपरोक्त दोनों एआई आधारित उपकरणों ने बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खाद्यान्न, विशेषकर चावल की खरीद की प्रक्रिया में एक नए आयाम को जोड़ा है। इस प्रकार, खाद्यान्न खरीद प्रणाली में दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता में भी सुधार हुआ है। इस तकनीक को जीपीएआई शिखर सम्मेलन में प्रदर्शित किया जा रहा है।

डॉ. सिन्हा ने बताया कि यह तकनीक खरीद के साथ-साथ पीडीएस में पुराने चावल के पुनर्चक्रण को रोकने में भी सहायक साबित होगी। उपरोक्त दोनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरणों ने बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खाद्यान्न विशेष कर चावल की खरीद की प्रक्रिया में एक नए आयाम को जोड़ा है। इस प्रकार खाद्यान्न खरीद प्रणाली में दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता में भी सुधार हुआ है। इस तकनीक को ज़ीपीएआई शिखर सम्मेलन,भारत मन्डप्पम, नई दिल्ली में प्रदर्शित किया जा रहा है।इस सम्मेलन का उदघाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।यह कार्यक्रम 14 दिसंबर तक चलेगा।
इस तकनीक को लेकर अधिकारी और किसान/मिलर तथा अन्य काफी उत्साहित हैं।

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