डॉ. जया श्रीवास्तव के साथ जानी मानी सांस्कृतिक संस्था सुर ताल संगम के उच्च पदाधिकारियों एवं बाल कलाकारों अवध महोत्सव में सुरों के साथी कार्यक्रम में किया शानदार प्रदर्शन

मनोरंजन

लखनऊः राजधानी में आयोजित होने वाले अवध महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था सुर ताल संगम ने लाजवाब गीत संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों से सदैव की भांति शानदार प्रदर्शन कर जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में शामिल सभी मुख्य पदाधिकारियों ने अत्यंत मनमोहक अंदाज़ में अविस्मरणीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया,जिनमें ख़ास तौर पर आकर्षण का केंद्र नन्ही गायिका अद्विका श्रीवास्तव का गायन, बाल नृत्यांगना अक्षिता सिंह का भावनृत्य, सुर ताल संगम के बाल मंच की ब्रांड एम्बेसडर उन्नति श्री का कथक तथा लोकनृत्य सहित मेंडोलिन वादन करने वाले संस्था के अनुभवी जन मंच के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ रहे।
सुरों के साथी नाम के इस अद्वितीय कार्यक्रम की परिकल्पना और निर्देशन करने वाली संस्था की डायरेक्टर अंतरराष्ट्रीय लब्धप्रतिष्ठ गायिका डॉ जया श्रीवास्तव ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बेहद खूबसूरत संचालन से खूब वाहवाही बटोरी।
सर्वप्रथम सुर ताल संगम के संगीत प्रशिक्षक अविजित श्रीवास्तव ने मधुबन में राधिका नाचे रे प्रस्तुत करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। फिर संगीतमय शाम को अविरल प्रवाह देते हुए संस्था की सबसे छोटी स्टूडेंट और परफार्मर अद्विका ने ये मेरा दिल,अनुभवी जन मंच के संरक्षक जसबीर सिंह ने ओरे ताल मिलें नदी के जल में, सचिव विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे, राजेन्द्र नाथ ने छूकर मेरे मन को, युवा मंच के संरक्षक अंशुमन दास ने दिलबर मेरे कब तक मुझे, सचिव गगन शुक्ला ने मेरा चांद मुझे आया है नज़र, महिला मंच की अध्यक्षा वंदना श्रीवास्तव तथा डॉ जया श्रीवास्तव ने हंसता हुआ नूरानी चेहरा सुनाकर भूरि भूरि प्रशंसा प्राप्त की। साथ ही बाल नृत्यांगनाओं उन्नति श्री, अक्षिता सिंह, गीतिका चौधरी और अनन्या सिंह की सुंदर नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को खूब आनंदित किया।
उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था के अध्यक्ष श्री अजय श्रीवास्तव ने सभी पदाधिकारियों एवं बाल कलाकारों के सराहनीय प्रदर्शन के लिए सभी को साधुवाद दिया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए श्रीमती प्रिया पाल के साथ सभी कलाकारों एवं पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह भेंट किए।

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