उदिता सिंह बनी रोहतास की नई जिलाधिकारी,बढ़ी सांस्कृतिक सामाजिक और आर्थिक विकास की नई उम्मीदें

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डॉ. सुरेन्द्र सागर, आरा
साल 2014 बैच की आइएएस अधिकारी उदिता सिंह को रोहतास का नया जिलाधिकारी बनाया गया है. इसके पहले उदिता सिंह वैशाली और नवादा जिले का जिलाधिकारी रह चुकी हैं. फिलहाल वे नालंदा की बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थी.रोहतास की नई जिलाधिकारी उदिता सिंह मूल रूप से बांका जिले की निवासी हैं और मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं. उन्होंने दूरदर्शी सोंच, दृढ इच्छा शक्ति, मजबूत इरादों के दम पर आईएएस जैसी परीक्षा को फतह कर पुरुष प्रधान इस समाज को साफ सन्देश दे दिया कि परिवार और समाज में अगर समान अवसर मिले तो लड़कियां भी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा सकती हैं.वे अब रोहतास जिले की पहली महिला जिलाधिकारी हैं जिनसे महिलाओं को बड़ी उम्मीदें हैं. महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी सुरक्षा, समान अवसर जैसे मामलों में उनका प्रयास मिल का पत्थर साबित हो सकता है. वे रोहतास की उप विकास आयुक्त रह चुकी हैं और उन्हें रोहतास की भौगोलिक स्थिति से लेकर सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विषयों की पूरी समझ है. इसलिए सम्भव है कि रोहतास में स्थित कैमूर की पहाड़ी पर निवास करने वाले ग्रामीणों के सामाजिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर बड़े स्तर पर सामाजिक बदलाव की लकीर खिंच सकती हैं. पर्यटन के दृष्टिकोण से रोहतास में कैमूर की पहाड़ी पर स्थित मांझर कुंड, तुतला भवानी, हनुमान धारा, धुंआ कुंड, सीता कुंड जैसे इको फ्रेंडली पर्यटक स्थलों के लिए ठोस योजना बनाकर रोहतास के सांस्कृतिक विरासतों को राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों मे दर्ज शेरगढ़ का किला और रोहतास गढ़ के किले का सम्पूर्ण एवं सर्वाँगीण विकास का रोडमैप भी बना सकती हैं. ये ऐसे स्थल हैं जो पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं और रोहतास को आर्थिक रूप से समृद्ध करने का द्वार खोल सकते हैं.
साल 2017 में 2014 बैच के आईएएस शशांक शुभंकर के साथ परिणय सूत्र में बँधी उदिता सिंह 46 वां रैंक हासिल कर आईएएस बनी थी. बिहार कैडर चुनने के पीछे उनका मुख्य मकसद अपनी मिट्टी का कर्ज चुकाना था. बिहार की देश और दुनिया में  पिछड़े प्रान्त के तौर पर फैली भ्रान्ति को दूर कर बिहार के गौरवशाली इतिहास को  दुनिया के सामने लाना था. महर्षि विश्वामित्र भगवान महावीर,महात्मा बुद्ध, गुरु गोविन्द सिंह जैसे ऋषि मुनि महर्षियों से लेकर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे लोगों की यह धरती गौरवशाली रही है. कभी दुनिया के बड़े शिक्षा के केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास बिहार की पहचान रही है. ऐसे बिहार के गौरवशाली अतीत और वर्तमान को राष्ट्रीय क्षितिज पर लाने के मकसद से बिहार कैडर चुनकर उदिता सिंह ने साबित किया है कि वे बिहार की बेटी हैं और अलग अलग जिलों में बतौर डीएम रहकर अपने प्रदेश की तस्वीर बदलने में जुटी हुई हैं.
रोहतास की नई जिलाधिकारी उदिता सिंह के पति शशांक शुभंकर फिलहाल नालंदा के जिलाधिकारी हैं और उनके प्रशासनिक क्षमता की लोग जमकर तारीफ करते हैं. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की  कई महत्वपूर्ण जनकल्याणकारी योजनाओं को  ससमय जमीन पर उतारकर इतिहास कायम किया है. जनता के कार्यों के प्रति उनकी कार्यशैली ही उनकी जनता में लोकप्रियता का कारण है.
उधर भोजपुर जिले के जिलाधिकारी राज कुमार का भी ट्रांसफर हो गया है. उन्हें कामफेड का प्रबंध निदेशक बनाया गया है. पटना के उप विकास आयुक्त  तनय सुल्तानिया को भोजपुर का नया जिलाधिकारी बनाया गया है.

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