आरा में भव्य होगा रामलीला का आयोजन, सालों भर सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा रामलीला मैदान : सोनू राय, अध्यक्ष

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शाहाबाद ब्यूरो
भोजपुर जिले के हृदयस्थली कहे जाने वाले आरा के रमना मैदान में अवस्थित लगभग चार सौ साल पुराना रामलीला मैदान इनदिनों सुर्खियों में है. सैकड़ो सालों से रामलीला मैदान में दुर्गापूजा के दौरान वृन्दावन और अन्य स्थानों की रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का आयोजन होते आया है. इस आयोजन के लिए विधिवत चुनी हुई एक समिति कार्य करती आई है जिससे आरा शहर और आसपास के सामाजिक, राजनैतिक एवं स्वयंसेवी संगठनों के अलावे जिले के चिकित्सक, प्रोफेसर,वकील और व्यवसायी  के साथ साथ आरा शहर के नागरिक जुड़े रहे हैं. पिछले साल रामलीला समिति के अध्यक्ष पद से प्रेम पंकज उर्फ ललन को हटाकर आरा की शिक्षाविद और सम्भावना उच्च विद्यालय की संचालिका डॉ. अर्चना सिंह को रामलीला समिति का अध्यक्ष बना देने के बाद से ही मामला भीतर ही भीतर चिंगारी बनकर जल रहा था. इसी बीच इस साल जब रामलीला के आयोजन को लेकर बैठकों का दौर शुरू हुआ तो अचानक विवाद बढ़ गया. समिति की बैठक में जमकर हो हंगामा भी हुआ. इस बीच डॉ. अर्चना सिंह की अध्यक्षता में कार्य कर रही नगर रामलीला समिति की वैधानिकता पर सवाल खड़ा करते हुए शहर के कुछ  सामाजिक एवं राजनैतिक लोगों ने रामलीला समिति के गठन की नए सिरे से घोषणा कर मामले को गरमा दिया है. रामलीला समिति के नए अध्यक्ष सोनू राय को बना दिया गया है. नगर रामलीला समिति का मैदान रमना मैदान में है और यहां पहले डॉ. अर्चना सिंह की अध्यक्षता में होने वाले रामलीला के आयोजन से जुड़े होर्डिंग्स लगाए गए थे उसे अब हटाकर नई समिति की ओर से दूसरा होर्डिंग्स लगा दिया गया है.डॉ. अर्चना सिंह की अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा मैदान के मुख्य गेट पर लगाए गए ताले को खोलकर सोनू राय की अध्यक्षता वाली नगर रामलीला समिति ने अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया है.
डॉ. अर्चना सिंह की अध्यक्षता वाली नगर रामलीला समिति ने एक बैठक कर घोषणा की थी कि विश्वकर्मा पूजा के बाद रामलीला मैदान में टेंट लगाने का कार्य प्रारम्भ किया जायेगा. उधर सोनू राय की अध्यक्षता में नगर रामलीला समिति की ओर से मंगलवार से ही रामलीला मैदान में टेंट लगाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है. रामलीला मैदान एक और समिति दो. दोनों के अलग अलग तरीके से रामलीला के आयोजन की घोषणा ने शहर वासियों को कन्फ्यूज करके रख दिया है. इसी मैदान में रामलीला के मंचन के दौरान रावणबध का आयोजन होता है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में नर नारी, बच्चे और बच्चियां अलग अलग संसाधनो से रामलीला मैदान पहुँचते हैं.
इस साल रामलीला मैदान को लेकर समितियों के वर्चस्व का मामला देखने को मिल रहा है.

सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा रामलीला मैदान : सोनू राय –
नगर रामलीला समिति के अध्यक्ष सोनू राय ने कहा कि चार सौ सालों पुरानी इस रामलीला समिति के वर्तमान दौर के संरक्षक मंडल और अन्य सभी वैधानिक कागजातों के आधार पर वैधानिक तरिके से बनी रामलीला समिति के वे अध्यक्ष हैं और उनके पास ही रामलीला समिति के अध्यक्ष बनने का प्रामाणिक आधार है.एक साल पहले  की बनाई गई समिति  का प्रामाणिक दस्तावेजों से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है.उन्होने कहा कि हाल के दिनों में आरा नगर रामलीला समिति का राजनीतिकरण होने लगा था और सनातन धर्म के इस आयोजन को व्यक्तिगत राजनैतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का दौर शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि आरा में रामलीला के आयोजन के वास्तविक महत्व और आरा शहर की सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए उन्होंने अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है. शहर के प्रबुद्ध लोगों ने उन्हें रामलीला समिति का अध्यक्ष चुना है तो वे पूरी ईमानदारी एवं लगन से रामलीला के आयोजन को भव्य आयोजन के रूप में सामने लाएंगे.सोनू राय ने कहा कि चार सौ साल पुरानी रामलीला समिति अब न सिर्फ रामलीला के आयोजन तक सिमट कर रहेगी बल्कि रामलीला मैदान से आरा के नागरिकों की कई तरह की सेवाओं का द्वार खोला जायेगा और यह मैदान सालो भर सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा.

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