भोजपुर के फरना गांव में शराब के धंधेबाजों का आतंक,  छेड़खानी और मारपीट की शिकार युवती ने महिला थाना में आवेदन देकर लगाई न्याय की गुहार

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आरा कार्यालय
भोजपुर जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र अंतर्गत फरना गांव में शराब के कारोबारी से लेकर शराबियों तक का आतंक सर चढ़ कर बोल रहा है. शराब के कारोबारी जहां इस गांव में आए दिन शराब की बिक्री कर युवा वर्ग को नशे की आग में झोंक रहे हैं वहीं शराबी गांव और आसपास की महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. शराबियों के आतंक से फरना गांव में अब तक कई घटनायें घट चुकी है. यहां तक कि गांव के एक व्यक्ति प्रेम माली की हत्या कर उसे उसी के बगीचे में स्थित एक कुंए में डाल देने की घटना भी सामने आ चुकी है. मंगलवार की शाम फरना गांव की एक अविवाहित लड़की सुनीता कुमारी फरना मोड़ से  बाजार कर जब लौट रही थी तभी रास्ते में रोक कर मानिक सिंह मध्य विद्यालय के निकट बड़का लौहर गांव के एक शराब के धंधेबाज जगत सिंह ने शराब के नशे में उसके साथ छेड़खानी कर दी. जब उसने अपने भाई को इस घटना की जानकारी दी और भाई जब फरना स्कूल के पास आया तो नशे में धुत शराबी ने उसके भाई गोरख तुरहा के साथ भी मारपीट शुरू कर दी. सुनीता ने जब बचाव करने की कोशिश की तो धंधेबाज जगत सिंह ने उसे पटक दिया और उसके पेट और छाती पर जमकर प्रहार कर दिया. उसके कपड़े फाड़ दिए. इस घटना को देख आसपास के लोग जब दौड़कर आए तो जगत सिंह भाग निकला. इस घटना में घायल सुनीता कुमारी और उसके भाई को ग्रामीणों ने आरा सदर अस्पताल पहुँचाया जहां उसका इलाज किया गया. दर्द से कराहती सुनीता कुमारी ने महिला थाना में पहुंचकर लिखित  शिकायत देकर आरोपी जगत सिंह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर उस पर उचित कार्रवाई की मांग की है.
इस घटना के बाद फरना गांव में भी शराब के धंधेबाजों  और पियक्कड़ो के खिलाफ भारी आक्रोश देखा जा रहा है.
बता दें कि फरना पंचायत के अंतर्गत आने वाले गावों फरना, छोटका लौहर, बड़का लौहर, छपरा पर और तुर्की गावों में शराब की खरीद बिक्री का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इससे अक्सर गांव में मारपीट, छेड़खानी और हिंसक घटनायें  घट रही है. शराब के कारोबार को लेकर ही छोटका लौहर गांव के एक युवक की कुछ साल पूर्व गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी. बावजूद इसके गंगा नदी के रास्ते यूपी से शराब लेकर बड़हरा इलाके में पहुँच रहे धंधेबाज अवैध शराब का नेटवर्क चला रहे हैं. इसका सबसे अधिक असर फरना पंचायत पर भी दिख रहा है. फरना में छोटका लौहर और फरना गांव के बीच पूरब दिशा में स्थित सागवान के बगीचे में अवैध शराब की बिक्री का धंधा चल रहा था. तब ग्रामीणों की सूचना पर बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने  विशेष पुलिस टीम को भेजकर कारोबारी को ऑन स्पॉट गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था. अभी भी फरना गांव में सिवान पर स्थित सरकारी जमीन पर कब्जा कर रह रहे लोगों द्वारा अवैध शराब बनाने, यूपी की तरफ से आने वाले शराब की खेप का भंडारण करने और बिक्री करने का खेल चल रहा है. गांव के सिवान पर पहुँचते ही शराब की महक दूर दूर से ही आने लगती है. पुलिस ऐसे अड्डों को ध्वस्त नहीं करती तो कभी शांति और सुकून की जिंदगी व्यतीत करने वाला फरना गांव हिंसात्मक गतिविधियों का केंद्र बना रहेगा.

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