
शाहाबाद ब्यूरो
बिहार सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त विधायक चेतन आनंद ने रोहतास जिले के सिलारी गांव के नौजवान ओम प्रकाश सिंह उर्फ बादल की हत्या को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को बदनाम करने की कार्रवाई बताया है और कहा है कि जन्मदिन के मौके पर बादल को जिस तरह गोलियों से भुंजकर मौत के घाट उतार दिया गया वह दर्शाता है कि अंग्रेज तो चले गए लेकिन अंग्रेजीयत अभी नहीं गई. उन्होंने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव काल में वर्दी की गर्मी अच्छा संकेत नहीं है.
विधायक चेतन आनंद ने रोहतास के सिलारी गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात करने और सासाराम शहर स्थित घटना स्थल से लौटने के दौरान सासाराम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये बातें कही. विधायक चेतन आनंद ने कहा कि बादल को जिस तरह बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया है वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. लोकतंत्र किसी अधिकारी को इसकी इजाजत नहीं देता है. उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि फिर तो थाना, पुलिस, कोर्ट, कचहरी की कोई जरूरत ही नहीं.विधायक चेतन आनंद ने कहा कि आदरणीय नीतीश कुमार जी ने बड़ी मुश्किल से बिहार को जंगलराज से बाहर निकाल कर लाया है. इसे किसी तुनक मिजाज अधिकारी की सनक का शिकार नहीं होने देंगे. “सुशासन” और “न्याय के साथ विकास” के नारे को कुछ लोग अपनी कारस्तानियों से बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं. उन्हें चिन्हित कर दण्डित किया जायेगा.किसी भी शर्त पर बिहार -2005 से पहले के अंधे दौर में वापस नहीं लौटेगा.
विधायक चेतन आनंद ने कहा कि सम्भव है कि मृतक ने ट्रैफिक नियम तोड़ा होगा. ये भी मान सकते हैं कि उसने अफसर के साथ बदसलूकी भी की होगी. लेकिन लोकतंत्र किसी अधिकारी को ट्रैफिक नियम भंग करने या बदसलूकी करने के बदले सरेआम गोलियों से उड़ा देने का अधिकार नहीं देता.उन्होंने कहा कि दोषी डीएसपी की दफा 302 के तहत अविलम्ब गिरफ्तारी हो.स्पीडी ट्रायल चलाकर तीन माह के अंदर सजा मुकर्रर हो.उन्होंने कहा कि सासाराम से पटना लौटकर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मुलाकात करेंगे और पूरे घटनाक्रम की उन्हें जानकारी देंगे.दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और परिजनों को न्याय दिलवाने का भरसक प्रयास करूंगा.
उन्होंने मृतक के परिजनों को कम से कम 11 लाख रूपये मुआवजा और आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
विधायक चेतन आनंद के साथ पूर्व सांसद आनंद मोहन के निकटतम लल्ली सिंह, डब्ल्यू सिंह,दीपक सिंह,पूर्व छात्र नेता डॉ. सुरेन्द्र सागर, घनश्याम सिंह समेत कई नेता शामिल थे.