राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा के नेतृत्व क्षमता से बिहार सहित कई राज्यों में बढ़ी भाजपा की ताकत, शाहाबाद की धरती के लाल पीएम मोदी के सपनो को कर रहे साकार

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डॉ. सुरेन्द्र सागर, आरा
आजादी के पहले और आजादी के बाद  देश और दुनिया में वीरता, शौर्य और प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ने वाला शाहाबाद जनपद एक बार फिर अपने धरती के लाल की  हिम्मत, साहस मेधा और प्रतिभा का परचम लहराने को बेताब है. शाहाबाद के सपूत और वीर भूमि के लाल को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कमिटी में शामिल कर जनसेवा  और नेतृत्व क्षमता को निखारने का मौका दिया है. उन्हें भाजपा के संगठन को और अधिक सशक्त बनाने की दुबारा जिम्मेदारी सौंपी है. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भारतीय जनता  पार्टी की राष्ट्रीय कमिटी में बिहार से अकेले राष्ट्रीय पदाधिकारी  बनाये गए शाहाबाद जनपद के वे लाल हैं ऋतुराज सिन्हा. मूल रूप से भोजपुर जिले के कोइलवर प्रखंड स्थित बहियारा गांव के निवासी. आज भी गांव की जड़ से जुड़े होने की वजह से भोजपुरी की मिठास उनमे कूट कूट कर भरी है. भोजपुर और शाहाबाद में प्रवास के दौरान भोजपुरी में संवाद  बरबस ही लोगों को उनकी तरफ खिंच लेता है. मृदुभाषी और मिलनसार स्वभाव उनकी पहचान है. ऋतुराज सिन्हा जिस शाहाबाद की धरती से आते हैं वह धरती त्रेता युग में भगवान श्री रामचंद्र, भ्राता लक्ष्मण और महर्षि विश्वामित्र मुनि के धनुर्विद्या और तपोवन का गवाह रही है. सरयू के रास्ते अयोध्या से चलकर  त्रिवेणी संगम पर गंगा नदी  पार करने के बाद बक्सर पहुँच श्री रामचंद्र ने ताड़का नामक राक्षसी का वध किया था और ऋषि मुनियों को आतंक से मुक्ति दिलवाई थी. यही श्री राम और लक्ष्मण ने धनुर्विद्या की सिख ली थी. इसके पहले बक्सर जाने के क्रम में जंगलों में स्थित वनो की देवी माँ आरण्यदेवी की पूजा अर्चना भी श्री रामचंद्र ने अपने भ्राता लक्ष्मण के साथ की थी. माँ का यह मंदिर आज भी आरा में आस्था और विश्वास का बहुत बड़ा केंद्र है. द्वापर युग में इसी भोजपुर के शोणितपुर नगरी में भगवान श्री कृष्ण का राक्षसाधिराज वाणासूर के साथ भीषण युद्ध हुआ था. इसी जनपद के कैमूर में पवरा पहाड़ी पर माता मुंडेश्वरी देवी विराजमान है जिन्होंने  मुंड नामक राक्षस का संहार किया था.यहां माँ की शक्ति और चमत्कार के आगे आज का विज्ञान भी नतमस्तक है. इसी जनपद में कैमूर की पहाड़ी पर  सासाराम में मां ताराचंडी विराजमान हैं.
धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शाहाबाद जनपद ने सत्ता और संघर्ष की अगुआई भी की है. यहां के जगजीवन राम देश के उप प्रधानमंत्री बने तो राम सुभग सिंह लोकसभा में विपक्ष के पहले नेता बने. उन्होंने रेल मंत्री, कृषि मंत्री, संचार मंत्री सहित कई विभागों के मंत्री रहते देश के विकास में अपनी भूमिका निभाई. अब एक बार फिर राष्ट्रीय राजनैतिक क्षितिज पर शाहाबाद जनपद के लाल ऋतुराज सिन्हा अपनी संगठन और नेतृत्व क्षमता का परचम लहरा रहे हैं. जनपद के लोग उन्हें लोकसभा या राज्यसभा में देखना चाहते हैं. उन्हें केंद्रीय मन्त्री के रूप में देखना चाहते हैं.
ऋतुराज सिन्हा इन दिनों संगठन के कार्यों के साथ साथ अपनी धरती से जुड़े लोगों को एक सूत्र में बांधकर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हाथों को मजबूत करने में भी जुटे हुए हैं. उन्होंने आगामी 18 जनवरी 2025 को भोजपुर और शाहाबाद के लोगों को अपने  बहियारा गांव स्थित पैतृक आवास  पर आयोजित मिलन समारोह सह प्रीतिभोज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. इस कार्यक्रम को लेकर दिन रात सैकड़ो लोगों की टीम कार्य कर रही है. यह कार्यक्रम ऐतिहासिक और अभूतपूर्व होगा और यहां से भाजपा के संगठन को नई ताकत मिलने की राह और अधिक आसान होगी.

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