डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समतामूलक समाज की परिकल्पना को कांग्रेस ने किया तार तार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डॉ. अम्बेडकर के सपने हो रहे साकार :ऋतुराज सिन्हा

देश

डॉ. सुरेन्द्र सागर
शाहाबाद ब्यूरो
नोटबंदी से लेकर कोरोना काल तक और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भाजपा को जमीनी आधार देने से लेकर राष्ट्रपति चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य रहते सफल चुनाव प्रबंधन करने तक अपने नेतृत्व क्षमता का पूरे देश में परचम लहराने वाले भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. डॉ. अम्बेडकर की जयंती पर देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं और देश के नागरिकों को दिए गए अपने संदेश में ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारत में जाति और धर्म के आधार पर बिना भेदभाव के समतामूलक समाज की परिकल्पना की थी..डॉ. अम्बेडकर के सपनो को आजादी के 77 साल बाद भी कांग्रेस के लोगों ने पूरा नहीं होने दिया.डॉ. अम्बेडकर के जीते जी कांग्रेस ने उन्हें न सिर्फ तिरस्कृत किया बल्कि उनके समतामूलक समाज के विचारों को तार तार करके रख दिया और उनके नाम पर सिर्फ राजनैतिक लाभ लेने का कार्य किया. समता प्राप्त कराने से सम्बंधित संविधान के प्रस्ताव का विचार कांग्रेस की तुष्टिकरण की भेंट चढ़ कर रह गया. उनका यह विचार कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से आज तक लागू नहीं हो सका.
भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि आज भाजपा का हर एक कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि
आश्चर्यजनक बात तो यह है कि कांग्रेस और उसके साथ खड़ी पार्टियां एक तरफ डॉ. अंबेडकर के प्रति आस्था जताने का दम्भ भरती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और इंडी एलायंस की ये पार्टियां डॉ. अम्बेडकर के समतामूलक समाज बनाने के विजन के खिलाफ खड़ी हो जाती है.कांग्रेस और उसकी सहयोगी दलों की इस दोहरी छवि और अम्बेडकर विरोधी चेहरे को आज पूरा देश देख रहा है.उन्होंने कहा कि गत लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक कांग्रेस नेता राहुल गाँधी लाल रंग की छोटी डायरी के साथ संविधान की रक्षा का दावा करते घूम रहे हैं किन्तु कांग्रेस पार्टी का संविधान के साथ जुड़े रहे वास्तविक इतिहास को भी याद रखना चाहिए. ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि इतिहास इस बात का भी साक्षी है कि कांग्रेस पार्टी ने 88 बार संविधान का उल्लंघन करते हुए विभिन्न राज्यों में निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया और लोकतंत्र की बार बार हत्या की.ऐसे में आज जब राहुल गांधी संविधान के रक्षक होने का दावा करते हैं तो देश की जनता का इस बात पर प्रश्न खड़ा करना लाजिमी है कि राहुल गाँधी क्या वास्तव में इतिहास की समझ रखते हैं? उन्होंने कहा कि डॉ.अंबेडकर के दृष्टिकोण के विपरीत, पंडित नेहरू हिंदू कोड बिल लेकर आए. इस बिल में हिन्दू और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून बनाए गए. इससे दोनों नेताओं के बीच कई विषयों पर मतभेद उत्पन्न हुए. धारा 370, कश्मीर को विशेष दर्जा देने का मुद्दा और भारत के अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को लेकर डॉ. अम्बेडकर के मतभेद सामने आए.उन्होंने कहा कि इसलिए बिहार जैसे राजनैतिक रूप से जागरूक राज्य में संविधान जैसे गंभीर विषय पर बयान देने के पहले राहुल गाँधी को इतिहास का अध्ययन करना चाहिए अन्यथा राहुल गाँधी की स्थिति हास्यास्पद हो जाएगी.बिहार की जनता न सिर्फ बुद्धिजीवी है बल्कि राजनैतिक चेतना से भी परिपूर्ण है.ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि उनके बताये मार्ग पर चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह उनके सपने को साकार करने में जुटे हुए हैं वैसी ही प्रतिबद्धता दिखाते हुए हमें भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

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