चौथा इतवार के वार्षिकोत्सव में पुस्तक का हुआ लोकार्पण

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राजभाषा एवं कला मंत्रालय, शैडो गवर्नमेंट बिहार के तत्वावधान में “चौथा इतवार साहित्य समागम” का वार्षिकोत्सव मनाया गया तथा साथ ही पद्मश्री डॉ उषा किरण खान के हाथों डॉक्टर शिवनारायण एवं ‘चौथा इतवार’ की समन्वयक डॉ नीलू अग्रवाल के संपादन में प्रकाशित पुस्तक ‘राष्ट्रीय चेतना के हास्य व्यंग कवि डॉ परमेश्वर कोयल उर्फ काका बिहारी’ का लोकार्पण भी संपन्न हुआ।

अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉक्टर शिव नारायण ने चौथा इतवार कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की और नए रचनाकारों के लिए कार्यशाला भी प्रस्तावित की। व्यंग के पुरोधा डॉक्टर परमेश्वर गोयल के लेखन की विशेषता बताते हुए आज के युवा साहित्यकारों को उनके साहित्य को पढ़ने की अपील की। कई रचनाकारों ने उनके साहित्य से श्रोताओं को रूबरू कराया। मुख्य अतिथि डॉ उषा किरण खान ने चौथा इतवार कार्यक्रम के प्रयास को सराहा और संपादित पुस्तक को शोध के क्षेत्र में ‘मील का पत्थर’ बताया। भगवती प्रसाद द्विवेदी ने डॉक्टर गोयल के साहित्य के माध्यम से उन्हें याद किया और कहा कि ‘आज का कार्यक्रम स्त्रियों को समर्पित है ।’ उन्होंने नारी पर ही कविता भी पढ़ी। लोक गायिका नीतू नवगीत के गायन से पूरा ऑल गुंजायमान हो गया। इसके अलावा अशोक प्रियदर्शी, सिद्धेश्वर, पुष्यमित्र जैसे सभी साहित्यकारों ने डॉ परमेश्वर गोयल के कविकर्म के वैशिष्ट्य को उद्घाटित किया। संचालन डॉ अशोक प्रियदर्शी और आरंभ में स्वागत गगन गौरव ने किया।

दूसरे चरण में कवि सिद्धेश्वर के संचालन में कवि सम्मेलन हुआ। जिसमें रूबी भूषण, डॉ.नीलू अग्रवाल, प्रणय कुमार, कविता पद्मज, पूनम सिंह ,डॉली बागरिया, सुधा पांडे, एकलव्य केसरी, सृष्टि, अभिमन्यु प्रजापति, अमीना खातून, इशिका राज, राजकांता, पूनम सिन्हा, श्वेता गजल, संगीता मिश्रा, एकलव्य केसरी, नीरज सिंह, नीमा सिंह, डॉ अलका वर्मा, चितरंजन भारती, रतन, अमरेंद्र, संतोष, मुकेश ,गुणसागर ,साकेत, प्रमोद जैसे लगभग पचहत्तर से अधिक साहित्यकार व साहित्य प्रेमियों ने हिस्सा लिया।

श्रोताओं से खचाखच भरा हॉल पटना- वासियों के साहित्य प्रेम की कहानी कह रहा था। पद्मश्री डॉ उषा किरण खान की गरिमामयी उपस्थिति में 14 वर्ष की बच्ची प्रियंका से लेकर 90 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार प्रभाकर जी एवं इनके बीच की सात-आठ पीढ़ियों को लोगों ने सुना। हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और भोजपुरी भाषाओं के लगभग दो दर्जन साहित्यिक रचनाकारों ने इस कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगाए और दर्शकों की तालियां बटोरी। पटना साइंस कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पूर्व डीएसपी डॉ अखिलेश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। बताते चलें कि समाज के लिए कुछ करने के जज्बे की खातिर डॉक्टर अखिलेश कुमार ने डीएसपी जैसी नौकरी छोड़ दी और वर्तमान में अपनी सहधर्मिणी डॉक्टर नीलू अग्रवाल के साथ समाज सेवा और साहित्य सेवा में जुटे हैं। इस वार्षिकोत्सव के अवसर पर इशिका राज को ‘नवोदित युवा साहित्यिक हस्ताक्षर सम्मान -2022’ दिया गया।

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