उत्तराखंड के ऋषिकेश में अंकिता हत्याकांड मामले में एक के बाद एक नया खुलासा

देश

“मैं गरीब हो सकती हूं, लेकिन 10 हज़ार रूपये के लिए खुद को बेचूंगी नहीं”

आखिर अंकिता के मौत की दास्तान किसने लिखी और क्यों लिखी…..या फिर हबस का शिकार बन गई और देश के जनप्रतिनिधि जिन्हें रक्षक कहते हैं वो मौत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। अगर नहीं तो फिर आरोपी की जल्दी से जांचकर ऐसी सजा देनी चाहिए की आने वाली नस्लें भी ऐसी हरकत करने से सैकड़ों बार सोचेंगी

उत्तराखंड के अंकिता मर्डर केस में एक और नया खुलासा हुआ है. अंकिता की कुछ वॉट्सएप चैट सामने आई है, जिसमे अंकिता बता रही है कि उसपर रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी गेस्ट को ‘स्पेशल सर्विसेज’ देने का दबाव बनाया जा रहा था. इसी को लेकर अंकिता ने अपने दोस्त से बातचीत भी की थी. अंकिता ने एक मैसेज में अपने दोस्त को लिखा, 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता और उसके दोस्त के बीच वॉट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट सामने आए. एक मैसेज में अंकिता ने बताया कि आरोपी पुलकित आर्य ने कथित तौर पर उससे जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. इसके बाद अंकिता से उसकी काफी कहासुनी भी हुई थी. अंकिता ने अपने दोस्त को यह भी बताया कि नशे में धुत एक मेहमान ने उसे जबरदस्ती गले लगाया था, लेकिन आरोपी अंकित गुप्ता ने उसे इस बारे में चुप रहने के लिए कहा और इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाने के लिए भी कहा. एक चैट में अंकिता ने लिखा, 

“आज अंकित मेरे पास आया और मुझसे कहा कि वह मुझसे कुछ बात करना चाहता है. मैं मान गई और अपने रिसेप्शन डेस्क के पास एक कोने में चली गई उसके साथ. वहां उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक मेहमान को ‘स्पेशल सर्विसेज’ दे सकती हूं? इसके लिए मुझे 10 हज़ार रूपये मिलेंगे. मैंने अंकित से कहा कि मैं गरीब हो सकती हूं लेकिन मैं खुद को आपके रिजॉर्ट में 10 हज़ार रूपये में नहीं बेचूंगी. मेरी बात सुनकर अंकित ने जवाब में कहा कि वो मुझे स्पेशल सर्विसेज देने के लिए नहीं कह रहा था. मुझसे पूछ रहा था कि क्या मैं ऐसी किसी लड़की को जानती हूं जो ये कर सकती है. लेकिन मुझे पता है कि अंकित ने मुझे ही ये सब करने को कहा था. उसे लगा था कि मैं पैसों का सुनकर हां बोल दूंगी.”
एक दूसरे मैसेज में अंकिता ने अपने दोस्त को यह भी बताया कि आर्य के कहने पर एक बार फिर से अंकित ने उससे कहा था, “अगर वह मेहमानों को स्पेशल सर्विसेज नहीं देगी तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा और दूसरी लड़की को काम पर रखा जाएगा.”ख़बर के मुताबिक अंकिता ने आगे कहा कि अगर अंकित एक बार फिर से ये बात करेगा तो वो रिजॉर्ट में काम नहीं करेगी. अंकिता ने आगे कहा, “ये लोग चाहते हैं कि मैं वेश्या बन जाऊं.”इधर अंकिता के परिवार का कहना है कि कई दिनों से अंकिता फोन पर परेशान लगती थी, लेकिन उन्होंने इस बारे से ज्यादा बात नहीं की. बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी भी उसे रिजॉर्ट में छोड़ने गए थे. लेकिन एक महीने के भीतर ही इस वारदात में अंकिता की मौत हो गई. 

क्या बेटी को जन्म देना गुनाह है?

किसी की जान लेने का अंजाम सभी जानते हैं….लेकिन इसके न्याय के कठोर नहीं होने से आए दिन इस छेड़खानी में कमी की बजाए बढ़ोतरी होती जा रही है……आखिर हम किस पश्चिमी सभ्यता को अपना रहे हैं
किसी को सरेआण गोलियों से भून देना, अपने भारतीय लिबास को छोड़ पश्चिमी सभ्यता को अपना लेना….नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए….खैर अभी वक्त है अंकिता के मामले पर सख्त कदम उठाए जाने का
कितना बहसीपन सवार हो गई कि किसी लड़की के साथ आरोपियों को ऐसी हरकत करने का आखिर किसने हक दे दिया
हर घर में मां, बेटियां और नारी के कई रिश्ते साथ हैं….फिर ऐसा क्यों कर रहे हो…..संभल जाओ…..आरोपियों के मनोबल आखिर क्यों बढ़ रहे है….आपको दिल्ली की गलियाो में निर्भया कांड से भी ये बहसीपन के शिकार लोग सबक नहीं लेते
मगर घबराना नहीं अंकिता, हम तुम्हें वापस तो नहीं ला सकते….मगर तुम्हारे लिए न्याय की गुहार जरुर लगा सकते हैं….भारतीय सभ्यता में आज भी नारी का सम्मान है…..न्याय पर भरोसा है….चाहे कोई भी उसको कानून किसी भी कीमत पर बख्सेगा नहीं….और ऊपर वाले के न्यायलय में भी कुछ फैसले होते हैं….इसको किसी को नहीं भूलना चाहिए

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