नई दिल्लीः टेक कंपनी ऐपल ने चीन को एक और बड़ा झटका लगा है। ऐपल ने अपने उत्पादों में चीन की यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी से मेमोरी चिप्स का उपयोग करने की योजना पर रोक लगा दी है। सूत्रों ने निक्केई एशिया को इस बात की जानकारी दी। ऐपल ने यह फैसला उस वक्त लिया है जब चीनी टेक्नोलॉजी सेक्टर के खिलाफ अमेरिका निर्यात से जुड़े नियंत्रण लगा रहा है। ऐपल ने आईफोन्स में उपयोग के लिए यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी की 128-लेयर 3डी नंद फ्लैश मेमोरी को प्रमाणित करने के लिए महीनों की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली थी। हालांकि, अब कंपनी ने चिप्स इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया है। नंद फ्लैश मेमोरी स्मार्टफोन और पर्सनल कंप्यूटर से लेकर सर्वर तक सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाया जाने वाला एक प्रमुख उपकरण है। यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी 128-लेयर चिप्स एक चीनी चिप निर्माणकर्ता द्वारा बनाई गई सबसे एडवांस चिप हैं। हालांकि, अभी भी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोन जैसे बाजार के लीडर्स से एक या दो जनरेशन पीछे है। सप्लाई चेन के अधिकारियों ने कहा कि ऐपल ने मूल रूप से इस साल की शुरुआत में चीनी सरकार द्वारा वित्त पोषित यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी के चिप्स का उपयोग शुरू करने की योजना बनाई थी, क्योंकि ये अन्य की तुलना में कम से कम 20% सस्ती है। सूत्रों की मानें तो, बढ़ते जियो-पॉलिटिकल प्रेशर और अमेरिकी पॉलिसी मेकर की बयानबाजी के ऐपल को यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। वाशिंगटन ने 7 अक्टूबर को यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी को तथाकथित असत्यापित सूची में रखा। यह तब किया जाता है जब अमेरिकी अधिकारी यह सत्यापित नहीं कर सकते कि उसके अंतिम उपयोगकर्ता कौन हैं। यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी चिप्स को शुरू में केवल चीनी बाजार में बेचे जाने वाले आईफोन्स के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी। एक सूत्र ने कहा कि ऐपल यांग्त्ज़ी मेमोरी टेक्नोलॉजी कंपनी से सभी आईफोन्स के लिए आवश्यक नंद फ्लैश मेमोरी का 40% तक खरीदने पर विचार कर रहा था। साल की शुरुआत में ऐपल ने भारत में आईफोन्स 13 का प्रोडक्शन शुरू करके चीन को झटका दिया था और अब आईपैड टैबलेट को असेंबल करने की भी योजना बना रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत से आईफोन का निर्यात अप्रैल से पांच महीनों में 1 अरब डॉलर को पार कर गया है।