बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। इसी कड़ी में आज बिहार के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार रबड़ स्टांप मुख्यमंत्री है। वह लालू यादव के इशारे पर चल रहे। नीतीश कुमार की पूरी पार्टी ही लालू यादव के इशारे पर काम कर रही है।
सम्राट चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति का 15 दिन पहले ही बायपास सर्जरी हुआ। वह अध्यक्ष का काम कैसे कर सकता है। जबकि दिसंबर तक चुनाव कराना है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष किसी सिटिंग जज को बनाना चाहिए था। लेकिन यहां पर तो जेडीयू और आरजेडी के नेताओं को ही अध्यक्ष और सदस्य चुन लिया गया।
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि जिस तरीके से नीतीश कुमार अति पिछड़ों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने देश हित में ट्रीपल टेस्टिंग के लिए राज्य सरकारों से आयोग बनाने को कहा तब इनके कानों तले जू नहीं रेंग रहा था। इनके रवैया को ध्यान में रखते हुए माननीय हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव को खारिज कर दिया। तब इन्होनें रात के अंधेरे में आयोग का गठन किया। पहले जेडीयू के ही लोग कहते थे कि आयोग नहीं बनेगा। लेकिन भाजपा जब सरकार में थी। तो पंचायती राज विभाग और नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव दिया जिसके बाद एडवोकेट जर्नल ने सहमति दी। फिर भी सीएम नीतीश ने इसकी अनदेखी की।
माननीय पलटू जी की हुई है जबरदस्त हार…..
अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निकाय चुनाव को लेकर जिस तरीके से सीएम नीतीश रात के अंधेरे में आयोग बनाने का काम कर रहे है, इससे यह पता चलता है कि न्याय और अति पिछड़ों की जीत हुई है और माननीय पलटू जी की जबरदस्त हार हुई।
बता दें कि नीतीश सरकार के द्वारा निकाय चुनाव को लेकर एबीसी आयोग का गठन की जानकारी हाईकोर्ट को दी गई थी। जिसमें सरकार की तरफ से आयुक्त की अध्यक्षता नवीन आर्य करेंगे। जबकि अरविंद निषाद, ज्ञानचंद पटेल, विनोद भगत और तारकेश्वर ठाकुर इसके सदस्य होंगे।
प्रशांत किशोर के दावे पर क्या कहती है भाजपा….
प्रशांत किशोर के दावे पर सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों की आंख में धूल झोख रहें है। नीतीश कुमार पलटी मार के प्रतिक है। कभी भी कुछ भी कर सकते है। 7 बार पार्टी बदल चुके है। लेकिन इस बार बीजेपी का स्टैंड क्लियर है। नीतीश कुमार अब इंजन नहीं बन सकते है। बौगी बन कर ही रहेंगे।