जापान में एकता का प्रतीकः “ये भारी नहीं है, ये मेरा भाई है …

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जापान में युद्ध के दौरान इस लड़के ने अपने मृत भाई को दफनाने के लिए अपनी पीठ पर लाद लिया। एक सिपाही ने यह देखा और उससे कहा कि तू इस मृत बच्चे को छोड़ दे क्योंकि तू बहुत थका हुआ होगा और आगे बढ़ने में असमर्थ होगा।
तो उस लडके ने उत्तर दिया: वह भारी नहीं है, वह मेरा भाई है!
सिपाही समझ गया और बहुत रोया। तब से यह तस्वीर जापान में एकता का प्रतीक बन गई है।
आज जरूरी है कि हम जीवन में इस वाक्य को आदर्श वाक्य बनाएं: “ये भारी नहीं है। ये मेरा भाई है …

“अगर वह गिर जाए तो उसे उठा लेना, थक जाने पर उसकी मदद करना, और अगर वह कमजोर है तो उसे सहारा देना, अगर वह गलती करता है तो उसे माफ कर देना, और अगर दुनिया उसे छोड़ देती है, तो उसे अपने कंधों पर ले लो,
क्योंकि वो भारी नहीं है।” .वो तुम्हारा भाई.. ️

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