पटना : बिजली उपभोक्ताओं को बिहार में बड़ा झटका लगने वाला है। बिजली कंपनियों ने इलेक्ट्रिक चार्ज में बड़े इजाफे का प्रस्ताव दिया है और इलेक्ट्रिक कंपनियों के इस प्रस्ताव पर अब विद्युत विनियामक आयोग अंतिम फैसला लेगा। बिहार की बिजली कंपनी में दरों में 40 फीसदी तक इजाफे का प्रस्ताव दिया है। बिजली कंपनी के इस प्रस्ताव पर विनियामक आयोग सुनवाई करेगा और उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। बढ़ी हुई दरें नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 2023 से प्रभावी होनी हैं। नए साल में बिहार के अंदर 40 फीसदी तक बिजली महंगी हो सकती है। कंपनी ने तय किया है कि तय क्षमता से अधिक भार होने पर जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं से अधिक पैसा लिया जाता है, उसे छह माह शथिल किया जाए। इस अवधि में उपभोक्ता खपत के अनुसार भार बढ़ा लेंगे ताकि उन्हें अधिक पैसा नहीं देना पड़े। कंपनी ने 2021-22 में हए वास्तविक खर्च व हुए आमदनी के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 की संभावित आमदनी और खर्च का ब्योरा दिया है। कंपनी वर्ष 2023-24 में होने वाले खर्च का आकलन करते हुए आयोग से पैसे मांगेगी।
बिजली कंपनियों की तरफ से मंगलवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष इससे संबंधित प्रस्ताव को लेकर याचिका सौंपी जाएगी। कंपनी ने इसकी तैयारी कर ली है। बीते सालों की तर्ज पर इस बार भी कंपनी ने अनुदानरहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। हालांकि आयोग कंपनी की याचिका पर जनसुनवाई के बाद ही नई दर तय करेगा। बिजली कंपनी हर साल 15 नवम्बर तक बिजली दर का प्रस्ताव आयोग को सौंपता रहा है। बिजली कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव हंस के मुताबिक कंपनी ने तय समय में बिजली दर की याचिका सौंपने का निर्णय लिया है। बिजली उत्पादन इकाइयों में विदेशी कोयले का उपयोग करने की बाध्यता और बिजली आपूर्ति में हो रहे खर्च को देखते हुए ही इजाफे का प्रस्ताव दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अधिक वृद्धि के प्रस्ताव के साथ ही कंपनी ने उपभोक्ताओं को कई मदों में प्रोत्साहन राशि देने का भी निर्णय लिया है।