पटनाः बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विधानसभा सत्र चल रहा है और विपक्ष सरकार को घेर रहा है। वहीं पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है और अवैध तरीके से चल रहे शराब के ठिकानों पर छपरा प्रशासन छापेमारी कर रहा है। इसके साथ ही ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। बता दें कि प्रशासन ड्रोन से निगरानी कर रहा है और छापेमारी की जा रही है। शराब के सभी संभावित अड्डों पर पुलिस की रेड जारी है। वहीं विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही बीजेपी ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की।
बिहार के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने छापेमारी को लेकर कहा कि निर्माताओं को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा, “विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है ताकि सभी अभियुक्तों और गैर-एफआईआर अभियुक्तों, विशेष रूप से आपूर्तिकर्ता और निर्माता को पकड़ा जा सके। अब तक मिले सबूतों के मुताबिक हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं। हम फिर आगे की कार्रवाई करेंगे।”
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, “बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के आंकड़ों को सरकार छिपा रही है। बिहार में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।” बता दें कि बिहार में शराबबंदी के बाद से 200 से अधिक मौतें हो चुकी है।
पुलिस ने सोमवार को यूपी के बलिया से एक शराब तस्कर को गिरफ्तार कर बिहार जा रहे एक ट्रक से 56 पेटी शराब बरामद की है। पुलिस के मुताबिक रविवार को पिपरधाला गांव के पास वाहनों की चेकिंग के दौरान मिनी ट्रक से 56 पेटी शराब बरामद की गयी। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान पटना निवासी अमजीत यादव के रूप में हुई है, जिसे जेल भेज दिया गया है। वहीं कोतवाली थाने के एसएचओ राजीव सिंह ने बताया कि शराब यूपी के गाजीपुर जिले से बिहार जा रही थी।