आराः बाबू साहब की स्मृति को कायम करने के लिए कुंवर वाहिनी संघर्षरत है। कुंवर वाहिनी के प्रदेश संयोजक धीरज कुमार सिंह उर्फ लव सिंह ने बताया कुंवर वाहिनी का मूल उद्देश्य है 1857 गदर के प्रमुख सेनानी और देशहित में खुद को तथा अपनी रियासत को न्योक्षावर करने वाले बाबू कुंवर सिंह के प्रमुख स्थलों को ऐतिहासिक महत्व दिया जाए ताकि लोग उन जगहों पर आकर बाबू साहब के ऊपर शोध कर सकें। आगे लव सिंह ने बताया कि सबसे पहले हमलोगों की मांग थी की तोरण द्वार का निर्माण हो तो उसके लिए सरकारी स्तर जो राशि आवंटित होनी है वो हो चुकी है। इसके अलावे भोजपुर जिले के जिलाधिकारी राजकुमार ने जानकारी दी की धरहरा में बाबू साहब की 50 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जाएगा। इस बात पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए धीरज कुमार सिंह ऊर्फ लव सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है। श्री सिंह ने यह भी बताया कि धरहरा के अलावे बाबू साहब की रियासत जगदीशपुर में बाबू कुंवर सिंह जी की 80 फीट की प्रतिमा जन सहयोग से स्थापित की जाएगी। प्रतिमा के निर्माण और उस प्रांगण के सौंदर्यीकरण, संग्रहालय आदि के निर्माण के लिए पूरे देश में बाबू साहब की स्मृति कायम करने के लिए संपर्क स्थापित किया जाएगा। क्योंकि बाबू साहब किसी व्यक्ति विशेष के नहीं बल्कि जन-जन के थे, हर जाति-धर्म के प्रिय सच्चे देशभक्त थे। जिन्होंने अपने उम्र का ख्याल नहीं किया और 9 माह तक पूरे देश में अपनी ग्रामीण सेना के बूते अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए। इतना ही नहीं बाबू साहब ने कभी पराजय का मूंह नहीं देखा और झांसी की रानी, तात्या टोपे समेत देश की कई बड़ी हस्तियों का भी साथ दिया। जब कुंवर वाहिनी के प्रदेश संयोजक धीरज कुमार सिंह उर्फ लव सिंह से पूछा गया कि आखिर 80 फीट की प्रतिमा ही बाबू साहब की क्यों निर्माण करायी जाएगी। इस पर उन्होंने कहा कि 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने देश के लिए युद्ध लड़ा था इसलिए बाबू साहब की प्रतिमा भी 80 फीट की ही निर्माण करायी जाएगी ताकि आने वाली पीढ़ियों को इनके बारे में जानकारी मिल सके।