सशक्तिकरण के नारों क़े साथ विधायिका में प्रतिनिधित्व से महिलाएं होंगी सशक्त : प्रो. रणबीर नंदन

देश
  • 1952 से 2020 तक हुए 17 चुनावों बिहार में अब तक सिर्फ 258 महिला विधायक चुनीं गई
  • सर्वाधिक 34 महिला विधायक 2010 में चुनीं गईं थी
  • 2015 में 28 और 2020 में 26 महिला विधायक विधानसभा में पहुंची

बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. रणबीर नंदन ने कहा है कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जरुरी है कि उन्हें उचित प्रतिनिधित्व विधायिका में भी दिया जाए। इसके लिए जरुरी है कि सभी दल एक मत हो कर अधिक महिलाओं को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएं, जिससे विधानमंडल में महिलाओं की संख्या बढ़े।

प्रो. नंदन ने कहा कि 1952 से लेकर 2020 तक हुए 17 चुनावों बिहार में अब तक सिर्फ 258 महिला विधायक चुनीं गई हैं। इसमें सर्वाधिक 34 महिला विधायक 2010 में चुनीं गईं थी। जबकि 2015 में 28 और 2020 में 26 महिला विधायक विधानसभा में पहुंची। यह संख्या उतनी भी नहीं है कि औसतन हर जिले से एक महिला विधायक मान ली जाए।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए। यह सभी राजनीतिक दलों का नैतिक कर्तव्य है। क्योंकि महिलाएं तो लोकतंत्र में अपनी भूमिका का निर्वहन पुरुषों से बेहतर कर रही हैं। 2020 के चुनाव को ही देख लें तो बिहार में 59.7 फीसदी महिलाओं ने अपने वोट के अधिकार का उपयोग किया। जबकि पुरुषों में यह संख्या 54.7 फीसदी ही रही।

प्रो. नंदन ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार के 38 में से 23 जिले ऐसे रहे थे, जहां पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं ने वोट अधिक किया था। ऐसे में सभी दलों को इतना तो सुनिश्चित करना ही चाहिए कि सभी 38 जिलों में कम से कम दो -दो सीट पर महिला उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाए।

उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का ख्वाब उन्हें उचित भागीदारी देने से ही पूरा हो सकता है। निकाय चुनावों में आरक्षण के जरिए यह व्यवस्था हुई है। तो कम से कम विधानमंडल में सभी राजनीतिक दल महिला उत्थान के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम दो सीट तो महिला उम्मीदवारों को दे ही सकते हैं।इस सन्दर्भ में निकट भविष्य में विधाइका में महिला प्रतिनिधित्व बनाम बिहार की राजनीति विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *