आ रहे हैं बड़े सरकार-स्वागत को ले तैयारियां तेज,आनन्द मोहन के जगदीशपुर और शिवपुर आगमन को ले समर्थकों ने झोंकी ताकत,लम्बे समय के बाद शाहाबाद की धरती से राष्ट्रनायकों के सम्मान का शंखनाद करेंगे आनन्द मोहन

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शाहाबाद ब्यूरो
लगभग सोलह वर्षों बाद बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व संस्थापक अध्यक्ष,बिहार के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद आनन्द मोहन शाहाबाद की धरती से देश की हिफाजत करने और अपनी शहादत देने वाले महापुरुषों,वीर योद्धाओं और राष्ट्र के महानायकों को सम्मान देने को लेकर हुंकार भरेंगे।
आगामी 22 मई को पूर्व सांसद आनन्द मोहन शाहाबाद जनपद के जगदीशपुर किला पर स्वतंत्रता संग्राम के महायोद्धा महानायक वीर बांकुड़ा बाबू कुंवर सिंह की प्रतिमा पर अपराह्न तीन बजे  माल्यार्पण कर उन्हें नमन करेंगे।जगदीशपुर में वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद वे सीधे बिक्रमगंज के निकट रोहतास जिले के  शिवपुर गांव पहुंचेंगे।शिवपुर में देश की रक्षा करते करते अपनी शहादत देने वाले  वीर योद्धा महाराणा प्रताप की नवनिर्मित प्रतिमा का सायं पांच बजे अनावरण करेंगे।
वीर योद्धा महाराणा प्रताप के प्रतिमा अनावरण समारोह का आयोजन शिवपुर के अमित सिंह मुखिया ने किया है।कार्यक्रम को लेकर श्री राजपूत करणी सेना ने आमन्त्रण कार्ड बांटना भी शुरू कर दिया है।
समर्थकों और चाहने वालों के लम्बे और  जेल से रिहाई के बाद आनन्द मोहन की यह पहली शाहाबाद दौरा होने जा रहा है।
अपने नेता के आगमन को लेकर समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
पूर्व सांसद आनन्द मोहन के जगदीशपुर और शिवपुर आगमन  को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है।आनन्द मोहन के समर्थक भोजपुर के कोइलवर पुल से रिसीव कर जगह जगह भव्य स्वागत के साथ उन्हें आगे के कार्यक्रमो तक ले जाने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।आनन्द मोहन के नए पुराने समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने भोजपुर और रोहतास में जनसंपर्क भी तेज कर दिया है।जिस तरह आनन्द मोहन के कार्यक्रमो को लेकर समर्थकों ने तैयारी शुरू की है उससे लगता है कि आनन्द मोहन के कार्यक्रमो में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ सकती है।
आनन्द मोहन के अभिभावक की भूमिका में रहे पूर्व बिपीपा प्रत्याशी विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में शाहाबाद के आनन्द मोहन समर्थकों की टीम ऐक्शन मोड में आ गई है।राजपूत बहुल बड़े बड़े गांवों में तो टीम पहुंचने भी लगी है और अपने नेता की लम्बे समय के बाद आगमन को ले स्वागत की तैयारी में जुट गई है।
विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में भोजपुर जिले के आनन्द मोहन समर्थकों और फ्रेंड्स ऑफ आनन्द के कार्यकर्ताओं के साथ साथ श्री राजपूत करणी सेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सघन जनसंपर्क एवं प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है।
जगदीशपुर में फ्रेंड्स ऑफ आनन्द के जिलाध्यक्ष अनुराग सिंह राठौड़, ओम प्रकाश सिंह के नेतृत्व में टीम गांव गांव के लिए निकल पड़ी है।
आरा में संजीव सिंह,संजय सिंह के नेतृत्व में एक टीम समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ आनन्द मोहन के स्वागत के लिए भारी भीड़ जुटाने की तैयारी में निकल पड़ी है।
गड़हनी में अशोक सिंह,बड़हरा में समीर सिंह,अरविंद सिंह उर्फ बबलू,शैलेश कुमार सिंह गुड्डू के नेतृत्व में एक टीम गांवों की ओर निकल पड़ी है और लोगों से आनन्द मोहन के कार्यक्रमो में शामिल होने की अपील करने में जुट गई है।
शाहपुर में पूर्व बिपीपा प्रत्याशी शाहदेव सिंह और युवा नेता मियां सिंह के नेतृत्व में एक टीम सक्रिय हो गई है और कारीसाथ,मसाढ़, छोटी सासाराम,नवादा बेन जैसे राजपूत बहुल बड़े गांवों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।
पूर्व सांसद आनन्द मोहन के शाहाबाद जनपद के जगदीशपुर और शिवपुर गांवों में आगमन को ले समर्थकों ने पूरी ताकत झोंक दी है।
करीब सोलह सालों की साजिशन कैद और रिहाई के बाद आनन्द मोहन का विरोध करने वाले अब आनन्द मोहन समर्थकों के पूरी तरह निशाने पर आ गए हैं और लोकतांत्रिक तरीके से विरोधियों को जवाब देने की तैयारी में हैं।
आनन्द मोहन के समर्थकों की भीड़ और यात्रा का कारवां विरोधियों का होश उड़ा देने के लिए काफी होगा।
समर्थक अपनी एकता और राजनैतिक ताकत का अहसास कराने में लगे हुए हैं।
आनन्द मोहन के शाहाबाद यात्रा को लेकर सिर्फ बिहार में हलचल नही है बल्कि देश के कोने कोने में मौजूद आनन्द मोहन के समर्थक भी इस यात्रा में शामिल होने का ऐलान कर चुके हैं।
महाराष्ट्र के नागपुर में रह रहे युवा क्षत्रिय नेता मुकेश सिंह राणा
बताते हैं कि आनन्द मोहन सिर्फ एक नेता का नाम नही है बल्कि आनन्द मोहन एक विचारधारा का नाम है।आनन्द मोहन ने समाज मे आतंक,अन्याय और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई किन्तु एक साजिश के तहत उनकी आवाज को रोकने की कोशिश की गई।सोलह सालों से अधिक समय तक उन्हें जेल में कैद करके रखा गया।महाराणा प्रताप,छत्रपति शिवाजी,भामा शाह,पृथ्वी राज चौहान, भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,मंगल पांडेय,वीर कुंवर सिंह जैसे देशभक्तों और बलिदानियों के विचारों को आगे बढ़ाने वाले आनन्द मोहन के पीछे इतनी बड़ी जमात चल पड़ी तो इसके पीछे का कारण है कि आनन्द मोहन ने समाज,राष्ट्र और नागरिको की सुरक्षा और भयमुक्त देश और प्रदेश  बनाने के लिए संघर्ष किया है।
अब आनन्द मोहन की एक झलक पाने के लिए लोगों में बेचैनी देखी जा रही है।वहीं बेचैनी जो कभी पटना पुस्तक मेले में देखने को मिली थी।तब आनन्द मोहन की एक झलक पाने के लिए पटना के युवक और युवती छात्र छात्राओं ने सुरक्षा में लगे बांस बल्लों के बड़े बड़े बेरियर को ध्वस्त कर दिया था।
सुरक्षा के तमाम इंतजाम कम पड़ गए थे और लोग आनन्द मोहन के जलवे को देखकर हैरान हो गए थे।ठीक वही माहौल अभी देखने को मिल रहा है जब अपने नेता के आगमन पर एक झलक पाने की बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे हैं।

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