महायज्ञ में शामिल होने मात्र से जीव का लौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है: देवराहाशिवनाथ

धर्म ज्योतिष

मधेपुराः भारती के महाविभूति अंतरराष्ट्रीय महायोगी श्रीदेवराहा बाबा की पुण्यतिथि पर त्रिकालदर्शी, परमसिद्ध संतश्रीदेवराहाशिवनाथ जी महाराज के सानिध्य में मधेपुरा जिला के आलमनगर में आयोजित श्रीविष्णु महायज्ञ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।लोग संतश्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज के दर्शन पाने के लिए लालायित थे।जैसे ही संतश्री दर्शन स्थल पर पहुंचे वैसे ही पहले से पलक बिछाये लोग संतश्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज की जयकारे लगाते रहे।आज लगभग हजारों लोगों ने संतश्री के दर्शन किए।संतश्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज ने भक्तों के उमड़े हुए जनसैलाब को आशीर्वचन देते हुए कहा कि श्रीविष्णु महायज्ञ जनकल्याण के उद्देश्य से किया जा रहा है।

इस महायज्ञ में लोगों को तन-मन-धन से लगना चाहिए।जो जीव तन-मन-धन से महायज्ञ में भाग लेता है उसका निश्चित ही कल्याण होता है।उसके सारे योगक्षेम का निर्वहन भगवान करते हैं।संतश्रीदेवराहाशिवनाथजी महाराज ने आगे कहा कि महायज्ञ से तन-मन और धन का शुद्धिकरण होता है।इसमें शामिल होने से जीव का लौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है।वहीं काशी के प्रकांड विद्वान पंडित डॉक्टर भूपेन्द्र पांडेय और उनके सहयोगियों के द्वारा वेदमंत्रों से हवनकुंड में यजमानों के द्वारा आहूति दिलाई गई।इसके बाद श्री रामायणी रामबालक दासजी महाराज के द्वारा श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराया गया।श्रीरामायणी रामबालक जी महाराज ने भागवत कथा के द्वारा लोगों को अपने जीवन में अच्छे आचरण अपनाने की सलाह दी और साथ ही साथ लोगों को पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने की सलाह दी गई।वहीं इसके बाद रामायणी रामबालक दासजी जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का वृत्तांत सुनाया गया।रामायणी रामबालक दास महाराज के मुखारविंद से लोग भागवत कथा को सुन मुग्ध हो गए।वहीं आलमनगर में लगभग हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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