जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए विरोधियों की याचिका खारिज कर दी है। अब बिहार सरकार जातीय आधारित गणना करा सकेगी।
पटनाः बिहार में जातीय जनगणना जारी रहेगी। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए जातीय जनगणना पर रोक लगाने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने यह फैसला सुनाया है।
मामले में मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला आने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। उन्होंने बताया, “पीठ ने खुली अदालत में कहा कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है।”
दीनू कुमार ने कहा, “हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे। बेशक, फैसले का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है। हालांकि, हम इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।” बता दें कि 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर रोक लगा दी थी और सरकार से अब तक कलेक्ट किए गए डेटा को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था।