* अतिपिछड़ा और महिलाओं के स्वाभिमान के प्रतिक हैं नीतीश कुमार — लेशी सिंह
* नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ो और महिलाओं को सम्मान देकर गौरवान्वित किया — लेशी सिंह
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शोषितों- पीड़ितों की आवाज हैं समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए कई एतिहासिक कदम उठाया है | उन्होंने सत्ता संभालते ही जननायक कर्पूरी ठाकुर के सपने को मूर्त रूप देकर सकार किया है | जननायक कर्पूरी ठाकुर के पदचिन्हों पर चलकर अतिपिछड़ो, दलितों महिलाओं को अवसर प्रदान कर अग्रिम पंक्ति में बिठाने का काम किया है कटिहार जिला के कदवा विधानसभा क्षेत्र में जदयू० द्वारा आयोजित जननायक कर्पूरी चर्चा पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने उक्त बातें कही |
मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज के अंतिम पायदान पर हाशिये पर खड़े अतिपिछड़ा- दलित -महिला समाज के लिए सत्ता संभालते ही पंचायती राज व्यवस्था, नगर निकाय में आरक्षण प्रदान कर व्यवस्था में हिस्सेदारी दिया | जिससे समाज में मौन क्रांति का संचार हुआ | आज पंचायती राज, नगर निकाय व्यवस्था में अतिपिछड़ा, दलित, महिला विभिन्न पदों पर काबिज होकर न्याय के साथ विकास कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और गौरवान्वित महसूस कर रही है |
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने डूबता बिहार को बढ़ता बिहार बनाया है | किसानों, महिलाओं, पिछड़ों, अतिपिछड़ो, दलित, आदिवासी समेत समाज के सभी वर्गों को सम्मान देते हुए सबों के लिए विकास की बहार नीतीश कुमार ने दिया है | इसीलिए हमसभी बिहारी के दिलों में सदैव नीतीश कुमार बसते हैं |
उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा, दलितों, महिलाओं को स्वाभिमान जगाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नयी आशा विश्वास का संचार किया है |
मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों, महिलाओं, पिछड़ो- अतिपिछड़ो- दलित- आदिवासी समेत समाज के सभी वर्गों को सम्मान देते हुए सबों का विकास किया | वहीँ समाज के वंचित तबकों विशेष अवसर प्रदान कर समाज की बराबरी की पंक्ति में बिठाने का सत्प्रयास किया | इसीलिए सभी बिहारी के दिलों में नीतीश कुमार सम्मान के साथ बसते हैं |
श्रीमती सिंह ने कहा कि अगर नीतीश कुमार को देश का नेतृत्व करने का अवसर मिला तो निश्चित तौर पर अतिपिछड़ा, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों को सत्ता के विभिन्न पदों, रोजगार के अवसर में हिस्सेदारी सुनिश्चित होगा और अतिपिछड़ो, महिलाओं समेत समाज के वंचित तबकों को वाजिव हक़- अधिकार देश भर में मिल सकेगा जो आजादी के इतने वर्ष तक संभव नहीं हो पाया है |