डॉ. सुरेन्द्र सागर,आरा
भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने पत्रकारिता, साहित्य , जरूरतमंदों की सेवा और रोजगार सृजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान कर पूरे शाहाबाद जनपद को सम्मान दिया है।राष्ट्रपति से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद पुराने शाहाबाद जिले के कोइलवर प्रखण्ड स्थित बहियारा गांव के मूल निवासी हैं।शाहाबाद से भोजपुर और रोहतास के रूप में दो जिलों के अस्तित्व में आने के बाद वे भोजपुर के निवासी के तौर पर राजनीति,पत्रकारिता और व्यवसाय के क्षेत्र में कार्य करते हुए जहां एसआईएस जैसी दुनिया की बड़ी निजी सुरक्षा एजेंसी खड़ी कर लाखों लाख लोगों को रोजगार दिया और युवाओं के प्रेरणा स्रोत बने वहीं भाजपा के संस्थापक सदस्य के रूप में कार्य करते हुए साल 2014 में राज्यसभा सांसद निर्वाचित होकर उच्च सदन में भी पहुंचे। उन्हें राष्ट्रपति ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान कर सम्पूर्ण शाहाबाद जनपद का मान बढ़ाया है।
पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने भोजपुर जिले में भी रोजगार सृजन के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य किया है और यहां एसआईएस जैसी निजी सुरक्षा एजेंसी के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की है जहां से प्रति वर्ष ट्रेनिंग प्राप्त कर हजारों हजार युवा देश की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं।उन्होंने साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई उपलब्धियां हासिल की है।जरूरतमंदों की सेवा के क्षेत्र में भी उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किया है।इन सब उपलब्धियों के कारण अब उन्हें देश की राष्ट्रपति ने डॉक्टर ऑफ फिलोसोफी की मानद उपाधि प्रदान कर पूरे जनपद का मान बढ़ाया है।
पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के प्रतिनिधि डॉ. सुरेन्द्र सागर ने बताया कि डाक्टरेट की मानद उपाधि मिलने पर
भोजपुर समेत बिहार के छात्र,युवाओं,,बुद्धिजीवियों,अधिवक्ताओं,शिक्षकों,प्रोफेसरों,
पत्रकारों के बीच खुशी की लहर है और लोगों ने पूर्व सांसद आरके सिन्हा को बधाई दी है।साथ ही महामहिम राष्ट्रपति का आभार भी प्रकट किया है।
पूर्व राज्यसभा सांसद को बधाई देने वालों में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर केसी सिन्हा,पूर्व कुलपति,भारतीय रसायनज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत मे साइंस के सबसे बड़े मंच इंडियन साइंस कांग्रेस के महासचिव प्रोफेसर रणजीत कुमार वर्मा,पूर्व प्राचार्य प्रो.सच्चिदानन्द सहाय, अधिवक्ता बिजेता बर्द्धन, कृष्ण कुमार सिंह, पत्रकार मृत्युंजय कुमार सिन्हा,विजय शंकर ओझा,ओम प्रकाश शर्मा,प्रोफेसर विकास नारायण सिन्हा,डॉ. संदीप कुमार, प्रो.मृत्युंजय कुमार वर्मा,पूर्व छात्र नेता श्याम मनोहर ओझा समेत कई लोग प्रमुख रूप से शामिल हैं।