नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा

धर्म ज्योतिष

आचार्य मोहित पाण्डेय, लखनऊ
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। मां दुर्गा अपने इस रूप में भक्तों को भय मुक्त करने के साथ धन, यश, गौरव एवं सफलता प्रदान करती हैं।

भगवती दुर्गा के छठें रूप का नाम कात्यायनी क्यों पड़ा!
मां दुर्गा ने महर्षि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन उन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का अंत किया था।

मां कात्यायनी का स्वरूप
इनका स्वरूप बेहद सुंदर एवं दिव्य है। इनका वर्ण सोने के समान चमकीला है। इनकी चार भुजाएं हैं। माता जी का दाहिनी तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला वरमुद्रा में, बाई तरफ के ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प तथा नीचे वाले हाथ में तलवार है। माता शेर पर सवार हैं। देवी कात्यायनी दानवों तथा पापियों का नाश करने वाली हैं। वैदिक काल में यह ऋषि-मुनियों को सताने वाले दैत्यों को अपने तेज से ही समाप्त कर देती थीं।

मां कात्यायनी का प्रिय पुष्प व रंग:
मां कात्यायनी को लाल रंग अतिप्रिय है। इस दिन लाल गुलाब का फूल मां भगवती को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती की कृपा होती है।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग
मां कात्यायनी को शहद अतिप्रिय है। ऐसे में पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से भक्त का व्यक्तित्व निखरता है। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है। पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है। शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है। सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।

मां कात्यायनी दूर करती हैं विवाह में आ रही बाधाएं

शास्त्रों के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। देव गुरु बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।

मां कात्यायनी का मंत्र

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥

मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

मां कात्यायनी स्तुति मंत्र-

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

मां कात्यायनी कवच मंत्र-

कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥

मां कात्यायनी हैं मोक्ष प्रदाता
मां कात्यायनी की भक्ति एवं पूजा द्वारा मनुष्यों को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम एवं मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। माता अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करने वाली मानी गई हैं।

  • आचार्य मोहित पाण्डेय, लखनऊ
    ज्योतिष विज्ञान एवं भविष्य दर्शन।
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