पटना: पूर्व विधान पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो. रणबीर नंदन ने कश्मीर से धारा 370 हटाने पर इसे भारत की अखंडता के लिए अनिवार्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित था और इसे भाजपा की मोदी सरकार ने हटाने का साहस कर दिखा दिया है कि भारत की अखंडता को लेकर कोई समझौता यह सरकार सहन नहीं करेगी। प्रो. नंदन ने कहा कि अस्थाई तौर पर लगाए गए धारा 370 को कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा इस्तेमाल किया है, जिससे न सिर्फ भारत की अखंडता को चोट पहुंची है बल्कि करोड़ों भारतीयों के जनमानस को छलनी भी किया है।
प्रो. नंदन ने कहा कि धारा 370 भारत की संसद लेकर आई थी और संसद ने ही इसे हटाया है। इस पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति तो मिली है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इसमें दोहरी स्पष्टता ला दी है। धारा 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू नहीं होते थे। धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती थी। भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अंदर मान्य नहीं होते थे। जबकि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार और संकुचित राजनीति के कारण जम्मू-कश्मीर में धारा 370 का माइग्रेन लगातार बढ़ता रहा। लेकिन अखंड भारत के दो कुशल सर्जन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने उस माइग्रेन का सफल इलाज कर दिया है। अब जिसे दर्द हो रहा है, वो असल में अखंड भारत की खुशहाली से दर्द में डूबा हुआ है। ऐसे हर व्यक्ति, पार्टी, संगठन को भारत 140 करोड़ जनता अच्छे से देख और समझ रही है।
प्रो. नंदन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से लगभग 30,000 युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। इस दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार ने 29,295 रिक्तियां भरी हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कई योजनाएं शुरू की हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों के लिए सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी किया गया है। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में 188 बड़े निवेशकों ने जमीन ली है। इसी साल मार्च में प्रदेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का पहला प्रोजेक्ट यूएई के एमआर ग्रुप के रूप में आया है। यह प्रोजेक्ट लगभग 500 करोड़ रुपये का है और इसके पूरा होने पर केंद्र शासित प्रदेश में 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2022 में प्रधानमंत्री डेवलपमेंट पैकेज के तहत 58,477 करोड़ रुपए की लागत की 53 परियोजनाएं शुरू की गई थीं। ये प्रोजेक्ट्स रोड, पावर, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, फार्मिंग और स्किल डेवलपमेंट जैसे सेक्टर्स में शुरू हुए हैं। केंद्र शासित प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए नई केंद्रीय योजना के तहत 2037 तक 28,400 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इस योजना के तहत उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और जम्मू-कश्मीर में औद्योगीकरण का एक नया दौर शुरू होगा। 4 सालों में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखी गई है। भयमुक्त माहौल ने पर्यटकों को यहां आने की वजह दी है। साल 2022 में 1.88 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आए और यहां के खूबसूरत नजारों का लु्त्फ उठाया है।