लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने शराबबंदी की समीक्षा को महज राजनीतिक नौटंकी बताया है श्री भट्ट ने कहा कि नीतीश कुमार आगामी चुनाव के मद्देनजर अपनी विफलता पर पर्दा डालने को लेकर यह राजनीतिक नौटंकी का ऐलान किया है I श्री भट्ट ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह विफल है सत्ता के संरक्षण में शराब का अवैध व्यापार फल फूल रहा है शराब माफियाओं द्वारा घर-घर होम डिलीवरी जारी है बिहार में सरकार और सत्ता के संरक्षण में एक समानांतर अर्थव्यवस्था कायम हो गया है बावजूद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपने को इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञ जताने की विफल कोशिश कर रहे हैं
बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़ों की तरह शराबबंदी के सर्वेक्षण के आंकड़े भी फर्जी रूप से जारी किए जाएंगे I माननीय मुख्यमंत्री जी को बिहार वासियों को यह बताना चाहिए कि सर्वेक्षण से बिहार की जनता को क्या लाभ होगा? और प्रदेश में पूरी तरह शराबबंदी कैसे सफल होगी? बिहार मैं जब से शराबबंदी लागू की गई है तब से अन्य वैकल्पिक मादक पदार्थों की बिक्री भी बढी है जिस पर सरकार अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल है ऐसे में सरकारी खजाने का खुलेआम सर्वेक्षण के नाम पर लूट करना कितना वाजिब है? नीतीश कुमार जी को पिछले 8 सालों में शराबबंदी के तहत कितनी जहरीले शराबों के सेवन से लोगों की मौत हुई है कितने लोग जेल के सलाखों में कैद किए गए हैं उनमें दलितों की वास्तविक संख्या क्या है? यह पूरी तरह श्वेत पत्र जारी कर स्पष्ट करना चाहिए ताकि बिहार की जनता शराबबंदी के फायदे और नुकसान से अवगत हो सके बावजूद नीतीश कुमार जी शराबबंदी के नाम पर फिर से सर्वेक्षण कराकर राजनीतिक नौटंकी करने को आमादा हैI