IISSM के वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव का केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी करेंगे उद्घाटन,गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय,केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह,केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानन्द सोनोवाल समेत कई हस्तियां होंगी शामिल: RK Sinha

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-डॉ. सुरेन्द्र सागर
इंटरनेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ सेक्युरिटी एन्ड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के 33 वें वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव का उद्घाटन 19 दिसंबर 2023 को सुबह 10 बजे भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। दो दिवसीय वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव का आयोजन 19 एवं 20 दिसंबर 2023 को फरीदाबाद के होटल ताज विवांता सूरजकुंड में होगा। इस कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में भारत सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय शामिल होंगे।उद्घाटन के दिन 19 दिसम्बर 2023 को ही भारत के पूर्व गृह सचिव और केंद्रीय विद्युत,नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, एवं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी आईआईएसएसएम के 33 वे वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव में आये देश विदेश के प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे।
प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि कॉन्क्लेव के दूसरे दिन 20 दिसंबर 2023 को केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अमिताभ कांत, शेरपा, केजे अल्फोंस,अवकाशप्राप्त आईपीएस, पूर्व मंत्री, भारत सरकार, डॉ. कृष्णा वत्स, सदस्य, एनडीएमए और प्रताप हेबलीकर, पूर्व विशेष सचिव, भारत सरकार प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। आपदा जोखिम प्रशासन को मजबूत करने पर,जी20, सार्वजनिक, निजी, कॉर्पोरेट, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, आपदा जोखिम वित्तपोषण और वित्तीय लचीलेपन के निर्माण जैसे विषयों पर इनका अलग अलग संबोधन होगा।उन्होंने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। सुरक्षा एजेंसियों को समय-समय पर नई तकनीक से खुद को अपग्रेड करते रहना चाहिए। उन्होंने आईआईएसएसएम की स्थापना के उद्देश्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब 1989 में मैं पटना में एक छोटी सी ही सिक्यूरिटी कम्पनी चलाता था तब भारतीय पुलिस सेवा के पहले बैच के टॉपर रहे दिवंगत पदमश्री के एन प्रसाद ने मुझसे कहा कि सिक्योरिटी के प्रोफेशन के उत्थान लिए भी कुछ करना चाहिए। जो लोग प्राइवेट सिक्यूरिटी के क्षेत्र में आ रहे हैं उनके पास अपने क्षेत्र की अच्छी जानकारी तो है, लेकिन उनके पास इस क्षेत्र की बारीकी की ज्यादा जानकारी नहीं होती है।उन्होंने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। सुरक्षा एजेंसियों को समय-समय पर नई तकनीक से खुद को अपग्रेड करते रहना चाहिए।
उन्होंने आईआईएसएसएम की स्थापना के उद्देश्य के विषय में बताते हुए कहा कि जब 1989 में मैं पटना में एक छोटी सी ही सिक्यूरिटी कम्पनी चलाता था तब दिवंगत पदमश्री के. एन. प्रसाद ने, जो भारतीय पुलिस सेवा के पहले बैच के टॉपर थे, मुझे कहा कि सिक्योरिटी के प्रोफेशन के उत्थान लिए भी कुछ करना चाहिए। जो लोग प्राइवेट सिक्यूरिटी के क्षेत्र में आ रहे हैं उनके पास अपने क्षेत्र की अच्छी जानकारी तो है, लेकिन उनके पास इस क्षेत्र की बारीकी की ज्यादा जानकारी नहीं होती। उन्हें इस प्रशिक्षण की सख्त ज़रूरत है कि ग्राहक प्राइवेट सिक्योरिटी से क्या अपेक्षा करते हैं।इस प्रकार आईआईएसएसएम की स्थापना पूर्व विशेष सचिव गृह पद्मश्री के एन प्रसाद और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने संयुक रूप से साल 1990 में की थी।आईआईएसएसएम इन्डियन सोसाइटी एक्ट के तहत 1992 में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है।आईआईएसएसएम तीन दशकों से सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में शिक्षा और व्यावसायिकता के प्रसार में लगा हुआ है। आईआईएसएसएम एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। यह सुरक्षा पेशेवरों के लिए विषयगत और विभिन्न पाठ्यक्रम चलाता है। वर्ष में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और कई सेमिनार आयोजित करता है। यह सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित करता है और भारत सरकार और कॉर्पोरेट्स को परामर्श सेवाएं भी प्रदान करता है।
आईआईएसएसएम के 33 वें वार्षिक वैश्विक कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों से उद्योग, शिक्षा, राजनीति और शासन के नेता चर्चा, बहस और विचारों के आदान-प्रदान के लिए हमारे साथ शामिल होंगे। इस वर्ष का व्यापक विषय – आपदा जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा- व्यवसाय नेतृत्व, नवाचार और भवन लचीलापन बीएलआईबीआर है। कॉन्क्लेव के दौरान कैबिनेट मंत्रियों और प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा 10 मुख्य भाषण, 7 पूर्ण सत्र और विभिन्न कंपनियों द्वारा उत्पाद प्रस्तुतियाँ होंगी।

कॉन्क्लेव के पहले दिन 19 दिसंबर को जोखिम और अंतरसंबंधों को समझना, एसडीजी, आपदा, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा, आपदा जोखिम प्रशासन को मजबूत करना, सार्वजनिक, निजी, कॉर्पोरेट, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, बिजनेस रिकवरी के लिए बिजनेस निरंतरता योजना, मानवीय संकट के लिए योजना बनाना, योजना, प्रारंभिक चेतावनी, प्रतिक्रिया, राहत, तैयारी, पुनर्प्राप्ति और ज्ञान प्रबंधन जैसे विषयों पर पैनल चर्चाएँ भी होंगी। सभी पैनल चर्चा में एक अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष और 3-4 पैनलिस्ट होंगे।
कॉन्क्लेव के दौरान 52 मीटर सुरंग के अन्दर फंसे लोगों को और विश्व विख्यात पर्यावरणविद पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट को विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा। कॉन्क्लेव के अंतिम दिन 20 दिसंबर को आपदा जोखिम वित्तपोषण और वित्तीय लचीलापन का निर्माण, उभरती चुनौतियाँ,साइबर अपराध, महामारी, औद्योगिक आपदाएँ और अग्नि सुरक्षा और कॉर्पोरेट प्रशासन में लचीलापन बनाने के लिए सामाजिक समावेशन, मानव संसाधन नीति और सामाजिक सुरक्षा उपाय जैसी विषयों पर पैनल चर्चाएँ होंगी। सभी पैनल चर्चाओं में एक अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष और 3-4 पैनलिस्ट होंगे।

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