वीर कुंवर सिंह की स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए आगे आए सरकारः धीरज कुमार सिंह उर्फ लवजी

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जगदीशपुरः 1857 गदर के वीर सेनानी रण बांकुरे बाबू वीर कुंवर सिंह की स्मृतियों को स्थापित करने के लिए ‘कुंवर वाहिनी’ लगातार कार्य कर रहा है। कुंवर वाहिनी के राष्ट्रीय संयोजक धीरज कुमार सिंह उर्फ लव सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर रियासत के वीर योद्धा ने 9 माह अपनी रियासत से दूर रहकर 15 युद्ध जीते थे। आगे उन्होंने कहा कि बाबू साहब की स्मृति को स्थापित करने के लिए कुंवर वाहिनी तमाम लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है।
कुंवर वाहिनी की राष्ट्रीय संयोजक धीरज कुमार सिंह उर्फ लव जी ने सरकार से मांग की है कि जगदीशपुर में पर्यटकों को रहने के लिए सर्किट हाउस का निर्माण कराया जाए। कुंवर सिंह जी के बारे में जानने के लिए म्यूजियम निर्माण किया जाए। सुलभ शौचालय तोड़कर स्मार्ट शौचालय का नव निर्माण किया जाए। बाबू कुंवर सिंह जी के घोड़े की प्रतिमा जर्जर है उसको बदला जाए। जगदीशपुर किला सुरक्षित रहे इसके लिए सुरक्षाकर्मियों के आवासीय आवासन की सुविधा बहाल की जाए। किला के पूरब में कुंवर सिंह जी ने अपनी माता स्व.पंचरत्न कुंवर के नाम पर किया था, बोर्ड लगाया जाए। यहां पर्यटकों के लिए बोट उपलब्ध करायी जाए। झांझरिया पोखरा को अतिक्रमण मुक्त कर उसकी सफाई आदि सुनिश्चित किया जाए। जगदीशपुर में नया मोड़ से बाबू वीर कुंवर सिंह बाजार होते हुए जोड़ा रोड फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त करायी जाए ताकि आगंतुकों को सहुलियत हो। बाबू कुंवर सिंह द्वारा जो पहले से था जो की तोड़ दिया गया उसके फंड और नक्श को पास कर दिया गया है उसकी जानकारी लेकर निर्माण में हो रहे विलंब सी अवगत होकर राज्य सरकार को सूचना प्रदान करें। बहुरहा बाबा जो बोरा हवा बाबा के नाम से बिहिया-जगदीशपुर रोड में एक छोटा सा मंदिर के रूप में है उसका भी बाबू वीर कुंवर सिंह जी से लगाव है उसको भी पर्यटन का हिस्सा बनाया जाए। जगदीशपुर स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह के खानदानी दाह संस्कार स्थल की चाहारदीवारी कर आकर्षक बनाया जाए।1910 के सर्वे और 1932 खतियान के अनुसार बाबू वीर कुंवर सिंह जी के किले की माफी किया जाए। दुलौर अनुमंडलीय अस्पताल का नामकरण बाबू वीर कुंवर सिंह ट्रामा सेंटर किया जाए। आयर गांव का नाम पहले सुदामाचक था, उसी नाम को पुनः किया जाए। बाबू वीर कुंवर सिंह जी के मौसा जी के नाम पर था आयर का नाम उसको पुनः कराया जाए। इन सारी मांगों को लेकर संबंधित विभाग से श्री सिंह ने गुहार लगायी है। साथ ही अपील करते हुए कहा कि जो लोग भी कुंवर सिंह जी के लिए काम कर रहे हैं उन्हें किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। अगर इस तरह हम आपसी विवादों में उलझे रहे तो हमारा वजूद एकबार फिर से खतरे में पड़ जाएगा।

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