बिहार में पर्यटन के बर्बादी का जिम्मेदार कौन,विजय कुमार सिन्हा

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बोधगया में आये विदेशी पर्यटक के नजर में बिहार की गिर रही छवि- विजय सिन्हा

तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बिहार में सनातनी तीर्थों की हो रही उपेक्षा- विजय सिन्हा

भाजपा विधान मंडल दल के नेता श्री विजय कुमार सिन्हा ने बिहार में प्रत्येक वर्ष आने वाले पर्यटकों में भारी कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि मौजूदा बिहार सरकार तुष्टीकरण की राजनीति में पड़कर किसी भी सनातन के तीर्थ स्थलों के विकास पर विचार करने से कतरा रही है। इतना ही नहीं प्रत्येक नगर निकायों में हर महीने लाखोे-लाख रूपये का बंदरबांट हो रहा है लेकिन सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति किया जाता है, खासकर गया, बोधगया, पट्टन देवी एवं मां जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी जैसे पावन तीर्थ स्थलों पर सफाई के व्यवस्था में कमी नजर आती है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बोधगया जैसे पवित्र तीर्थ स्थल पर प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी श्रद्धालु एवं पर्यटक आते थें लेकिन यहां के रबर डैम की दुर्गंध एवं गंदगी से फैल रही बीमारी के कारण पर्यटक आने से परहेज करने लगे है।

श्री सिन्हा ने कहा कि दूसरे राज्यों में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर अपने पर्यटन स्थल का विकास कर एक बड़ा आय का श्रोत बना रहे हैं उदाहरण के तौर पर मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर, उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ एवं अयोध्या ऐसे कई उदाहरण है जहां पर्यटन के क्षेत्र में अमूलचूल विकास हो रहा है, लेकिन बिहार में शक्ति, भक्ति एवं मुक्ति की धरती होने के बाद भी तुष्टीकरण की राजनीति में पड़कर विकास ठप पड़ा है या उपेक्षित है।

श्री सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक राज्य के लिए पर्यटन एक प्रमुख आय का श्रोत होता है यदि बिहार सरकार विचार करेगी तो बिहार में पर्यटन के माध्यम से रोजगार एवं स्वरोजगार के कई अवसर बऩ सकते हैं, लेकिन इसके लिए अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना बंद कर कानून का राज स्थापित करना होगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार की संस्कृति और विरासत बेहतर होने के बावजूद हम क्यों पीछड़ते जा रहे हैं। बिहार सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करनी चाहिए और तुष्टीकरण के भय से मुक्त हो कर अपने छोटे हृदय का परित्याग कर मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी, भक्ति की भूमि मां पट्टनदेवी एवं मुक्ति की भूमि गया तथा बोधगया जैसे बिहार के प्रमुख पावन तीर्थस्थलों का विकास कर धूमिल हो रही बिहार की छवि में सुधार करनी होगी।

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