भ्रष्ट्राचार में लिप्त सेवारत लोकसेवकों पर मुक़दमा की सूची जारी करे सरकार, सेवानिवृत लोक सेवकों पर मुक़दमा सरकार की विफलता का सबूत,विजय कुमार सिन्हा

देश

एक भी सेवानिवृत आईएएस या आईपीएस को जाँच में दोषी नहीं पाना रहस्मय,

भ्रष्ट लोक सेवकों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाकर सरकार करा रही है अवैध उगाही,स्वतंत्र एजेंसी से हो इसकी जांच,

भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई धीमी व देरी, स्पीडी ट्रायल से शीघ्र हो इसका निष्पादन।

पटना 5 जनवरी 2024

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने सरकार द्वारा 2 वर्षों में दो दर्जन सेवानिवृत सरकारी कर्मियों पर मुक़दमा चलाने पर कहा है कि भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई में देरी और धीमी होने के कारण सेवाकाल में इन्हें सजा नहीं मिल पाती है, इसलिए स्पीडी ट्रायल के द्वारा इसका शीघ्र निष्पादन होना चाहिये।

श्री सिन्हा ने मांग की है कि सेवारत भ्रष्ट लोक सेवकों की सूची सरकार को शीघ्र जारी करना चाहिए। जिन 24 सेवा निवृत लोक सेवकों पर मुक़दमा चलाने की मंजूरी दी गई है उसमें एक भी आईएएस अथवा आईपीएस का नाम नहीं है। सामान्य घटनाक्रम में विभाग, कार्यालय अथवा फील्ड में इसी कैडर के लोग प्रधान के पद पर बैठते हैं। जाँच में इनमें से एक भी का नाम नहीं आना रहस्यमय है और जाँच की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर भ्रष्ट लोक सेवकों की तैनाती कर सरकार अवैध उगाही का काम करा रही है। इसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए।सरकारी कार्यालयों में सामान्य कार्य निष्पादन के लिए भी पैसा देना पड़ता है। इन लोक सेवकों का यह कार्य है कि योजना से जनता तक, सभी मदों में राशि की अवैध उगाही सुनिश्चित कराते हैं। किसी सेवारत भ्रष्ट लोक सेवक ने यदि निर्धारित कमीशन की राशि ऊपर स्तर पर नहीं दी तो उनपर कार्रवाई होती है ।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार को भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई में तत्परता के लिए लोकायुक्त संस्था को फिर से जीवित करना चाहिए। साथ ही परिपत्र और नियम के जरिये प्रक्रिया में सुसंगत बदलाव हो ताकि सेवा काल में ही भ्रष्ट लोक सेवकों पर कार्रवाई प्रारंभ हो और इसका अंतिम रूप से निष्पादन हो सके।यह कार्य स्पीडी ट्रायल से ही सम्भव है।महामारी की तरह फैले भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए यही एकमात्र जरिया वचा है।

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